उलूक टाइम्स: भ्रम

रविवार, 17 जनवरी 2010

भ्रम

आदमी 

क्यों चाहता है

अपनी ही शर्तों पर
जीना

सिर्फ
अमन चैन
सुख की 
हरियाली
में सोना

ढूंढता है

कड़वे स्वाद
में मिठास

और
दुर्गंध में 
सुगंध

हाँ

ये आदमी
की ही 
तो है
चाहत

उसे भूलने
से मिलती
है राहत

फिर भी

पीढ़ा दुख
का अहसास

एक स्वप्न
नहीं

सुख की
ही है
छाया

और
छाया कभी
पीछा नहीं
छोड़ती

सिर्फ अँधेरे
से है
मुंह मोड़ती

आदमी
अंधेरा भी 
नहीं चाहता

करता है
सुबह का
इंतजार

अंधेरा 
मिटाने को

रात का
इंतजार

छाया 
भगाने को

और
ऎसे ही
निकलते
हैं दिन बरस

फिर भी
न जाने 
आदमी

क्यों
चाहता है
अपनी ही 
शर्तों पर
जीना ।

8 टिप्‍पणियां:

  1. 'admi kyon chahta hai apni sharto par jeena'... bahut badhiya ! kuch shabdon mein aapne badi baat keh daali !

    जवाब देंहटाएं
  2. Warna shayad wah jee bhee na sake...
    kabhee yahan bhee aayiye: http://newideass.blogspot.com/

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
    आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि-
    आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (25-11-2012) के चर्चा मंच-1060 (क्या ब्लॉगिंग को सीरियसली लेना चाहिए) पर भी होगी!
    सूचनार्थ...!

    जवाब देंहटाएं
  4. सोचने को विवश करती सुंदर रचना...

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
    --
    आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल सोमवार (08-09-2014) को "उसके बग़ैर कितने ज़माने गुज़र गए" (चर्चा मंच 1730) पर भी होगी।
    --
    चर्चा मंच के सभी पाठकों को
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

    जवाब देंहटाएं
  6. Study MBBS in Philippines
    Students are mostly confused now with all the countries and consultancies offering attractive fees and exaggerating all the conditions available in the universities. When it comes to all the other countries that are offering “study MBBS abroad” for years have their own Pros and cons. Every single student willing to study MBBS abroad should have personal research and a thorough understanding of the various countries and universities in general.

    जवाब देंहटाएं