उलूक टाइम्स: कोढ़
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शनिवार, 12 अगस्त 2017

बस एक कमेटी बना मौत के खेल को कोढ़ के खेल पर ले आ

कहा था
कोढ़ फैला

कोढ़
समझ में
नहीं आया तेरे
मौत फैला आया

आक्सीजन से
कोढ़ भी हो
सकता था
तुझे पता
नहीं था

मौत देने की
क्या जरूरत थी

आक्सीजन
से कोढ़
समझ में
नहीं आ
रहा होगा

होता है

कुछ भी
सम्भव है
किसी चीज
से कुछ भी
हो सकता है

कैसे हो
सकता है


अखबार
वालों से
रेडियो
वालों से
टी वी
वालों से
समबन्ध कुछ
अच्छे बना

समबन्ध
मतलब
वही जो
घर में घर
के लोगों से
घर के जैसे
होते हैं

चिन्ता करने
की जरूरत
नहीं है

अब कर दिया
तो कर दिया
हो गया
तो हो गया

ऐसा कर
अब कमेटी
एक बना

कमेटी में
उन सब को
सदस्य बना
जिनको मौत
समझ में
नहीं आती है
बस कोढ़
समझ में
आता है

कोढ़ का
मतलब
उस बीमारी
से नहीं है
जिसमें शरीर
गलता है थोड़ी सी
आत्मा को गला

कई जगह
कई आत्माएं
सामने सामने
गलती बहती
हुई दिखती हैं
बहुत मौज
में होती हैं

जब कोढ़
हो जाना
या कोढ़ी
कहलाया जाना
किसी जमाने से
सम्मान की बात
हो चुकी होती है

‘उलूक’ को
खुजली होती
ही रहती है
उसकी खुजली
पर मत जा

कोढ़ और कोढ़ी
उन्मूलन के
खिलाफ
कुछ मत बता

बस कुछ
रायता फैला
कुछ दही
कुछ खीरा
अलग कर
और
कुछ नमक
कुछ मसाला
फालतू का मिला

खुद भी खा
कमेटी को
भी कुछ खिला।


चित्र साभार: Weymouth Drama Club