उलूक टाइम्स: पेशा
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शनिवार, 21 नवंबर 2015

कौन कहता है कुत्ता सोचना और कुत्ता हो जाने में कुछ अजीब होता है हर कुत्ते का अपना नसीब होता है


भौंकना सीखना चाहता हूँ
इसलिये कुत्तों के बीच रहता हूँ
कुत्ता नहीं हूँ कुत्तों से कभी नहीं कहता हूँ

कुत्ते भी कहाँ मुझे एक कुत्ता मानते हैं
भौंकता हूँ तो भी आदमी की तरह बस आँखें तानते हैं

कुत्ता कुत्ते पर कभी भी नहीं भौंकना चाहता है
कुत्तों को पता होता है कुत्ता कौन कौन है हर कुत्ता जानता है

अब इतना कुत्ता हो जाना भी अच्छा कहाँ होता है
कुत्तों के नियम कानून हर कुत्ता अच्छी तरह जानता है

कुत्तों में से कुछ कुत्ते कुत्तेपने के लिये ही जाने जाते हैं
हर गली कूँचे के कुत्तों में पहचाने जाते हैं

कुत्ता हो जाना इतना बुरा भी नहीं होता है
कुत्तों के लिये कुत्ता तो एक कुत्ता ही होता है

‘उलूक’ कुत्ता होने और दिखाने में बहुत बड़ा फर्क होता है
किसलिये करते हो कलाबाजी कुत्तों के बीच में रहकर
कुत्तों के लिये भौंकना कुत्तों का एक जरायम पेशा होता है ।

चित्र साभार: www.clipartsheep.com

गुरुवार, 29 दिसंबर 2011

भीड़

भीड़ को
पढा़ते पढ़ाते
अब वो
भीड़ बनाना
अच्छा सीख
गया है

भीड़ पहले
कभी भी
उसका पेशा
नहीं रही

भीड़ से
निपटने में
अचानक
उसे लगा
भीड़ बहुत
काम की
चीज हो
सकती है

उस दिन
से उसने
पेशा ही
बदल डाला

अब वो
केवल एक
इशारा भर
करता है

कुछ
अजीब सा
वो भी
आसमान
की तरफ
देख कर

भीड़
चली आती है
भीड़
आपस में
बात करती है
खुले हाथ
लहराती है

लौटते हुवे
भीड़ की
मुट्ठियाँ
बंद होती हैं

एक दूसरे
से कुछ
छिपाते हुवे

एक भीड़
लौटी
वो फिर
इशारा
शुरू
कर देता है

मैने
बहुत दिन
असफल
कोशिश की
उस भीड़
का हिस्सा
बन जाने
के लिए

अब मैंने
भी वही
इशारा
करना शुरु
कर दिया है

पर कोई
नहीं आता
मेरे आसपास

भीड़
रोज
देखती है
मुझे उसी
इशारे के
साथ
जो उसका
भी है
और मैं
भीड़
देखता हूँ
जाते हुवे
उसकी तरफ
उसी इशारे
की तरफ
जिस इशारे
को सीखने
के लिये
मैने
भी अपना
पेशा छोड़
दिया है ।