उलूक टाइम्स: बचा
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शनिवार, 29 अगस्त 2015

ले भी लीजिये हजूर छुट्टी के दिन ऐसा ही बेचा जायेगा

ले लीजिये
साहब
थोड़ा सा
बड़ा जरूर
हो गया है
पर सच में
बहुत अच्छा है
अच्छा है
सामने है
दिख ही
रहा है
स्वभाव दिख
ही जायेगा
कुछ दिनों बाद
सब कुछ
साफ साफ
इधर उधर
आगे पीछे
ऊपर नीचे
सब जगह
जगह जगह
नजर आयेगा
वैसे इसके
इलाके में
किसी से भी
पूछ लीजिये
ज्यादातर
कुछ भी
नहीं कहेंगे
चुप ही रहेंगे
कुछ बस
मुस्कुरायेंगे
एक दो
बेकार के
फालतू
हर जगह
होते ही है
आदत होती है
आदतन
कुछ ना कुछ
बड़बड़ायेंगे
कुछ पालतू
भी मिलेंगे
एक जैसे
नहीं हो
सकते हैं
कभी भी
फिर भी
जैसा ये है
वैसे ही नजर
भी आयेंगे
मिलेंगे नहीं भी
तब भी
आभास जैसा
ही दे जायेंगे
अच्छी जाति
दिखने से
कहाँ कहीं
पता चलती है
काम करने
के तरीके से
पता चल
ही जाती है
डी एन ए
की बात तभी
तो की जाती है
अब अपने
मुँह मियाँ
मिट्ठू भी
होना ठीक
नहीं होता है
‘उलूक’
माना दिन
में बस
सुनता है
कुछ भी
कहीं भी
नहीं देखता है
रख कर तो
देखिये हजूर
सबूत जरूर
मिल जायेंगे
काम करता
हुआ कभी
भी नजर
नहीं आयेगा
काम के समय
इधर उधर
चला जायेगा
दिखेगा
चुस्त बैठा
हमेशा
नजर आयेगा
कसम से
अभी कुछ भी
पता नहीं चलेगा
जाने के बाद
देखियेगा
हर जगह
खोदा खोदा
सा सब
नजर आयेगा
ले लीजिये साहब
दिखने दिखाने
में कुछ
नहीं रखा है
बहुत
काम का है
बहुत
काम आयेगा
आगे काम ही
काम दिखेगा
बचा कुछ भी
नहीं रह जायेगा
रख ही लीजिये
हजूर देखा जायेगा ।

 चित्र साभार: kennysclipart.com