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बुधवार, 24 मई 2017

कोशिश करें लिखें भेड़िये अपने अपने अन्दर के थोड़े थोड़े लिखना आता है सब को सब आता है

कुछ
कहने का

कुछ
लिखने का

कुछ
दिखने का

मन
किसका
नहीं होता है

सब
चाहते हैं
अपनी बात
को कहना

सब
चाहते हैं
अपनी
बात को
कह कर

प्रसिद्धि
के शिखर
तक पहुँच
कर उसे छूना

लिखना

सब
को आता है

कहना

सब
को आता है

लिखने
के लिये

हर कोई
आता है

अपनी बात

हर कोई
चाहता है

शुरु करने
से पहले ही

सब कुछ सारा

बस

मन की बात
जैसा कुछ
हो जाता है

ऐसा हो जाना
कुछ अजूबा
नहीं होता है

नंगा
हो जाना
हर किसी को

आसानी
से कहाँ
आ पाता है

सालों
निकल
जाते हैं

कई सालों
के बाद
जाकर

कहीं से
कोई निकल
कर सामने
आता है

कविता
किस्सागोई

भाषा की
सीमाओं
को बांधना

भाषाविधों
को आता है

कौन रोक
सकता है
पागलों को

उनको
नियमों
में बाँधना
किसी को
कहाँ
आता है

पागल
होते हैं
ज्यादातर
कहने वाले

मौका
किसको
कितना
मिलता है

किस
पागल को

कौन पागल
लाईन में
आगे ले
जाता है

‘उलूक’
लाईन मत
गिना कर

पागल मत
गिना कर

बस हिंदी
देखा कर

विद्वान
देख कर
लाईन में
लगा
ले जाना

बातों की
बात में
हमेशा ही
देखा
जाता है ।

चित्र साभार:

सोमवार, 6 जुलाई 2015

सवाल मत उठाओ मान भी जाओ सब कुछ तो ठीक है

सवाल मत
उठाओ

मान भी जाओ

सब कुछ
तो ठीक है


नाटक भी
दिखाओ

दर्शक भी
बढ़ाओ

पर्दे के
पीछे करो

देखने भी
मत जाओ

सब कुछ
तो ठीक है


सड़क पर
मत आओ

किनारे से
निकल जाओ

सब कुछ
तो ठीक है


आने की
जाने की

इधर की
उधर की

खबरें भी
फैलाओ

सब कुछ
तो ठीक है


बहस भी
चलाओ

दूर से भी
दिखाओ

दर्शन भी
कराओ

कुछ मत
छिपाओ

सब कुछ
तो ठीक है


घोटाले भी
खुलवाओ

खुले बंद
करवाओ

जाँच करने
कराने की

मशीने भी
मंगवाओ

उसने
पूछना
बंद तो
कर दिया

तुम भी
किसी से

पूछने
ना जाओ

मान भी जाओ

पंगे ना उठाओ

वो भी चुप
हो गया है

तुम भी चुप
हो जाओ

सब कुछ
तो ठीक है ।

चित्र साभार: www.gograph.com

शनिवार, 20 जून 2015

बता भी दे करेगा या नहीं अखबार में नहीं छापा जायेगा


सब करने वाले हैं
क्या तेरा भी करने का इरादा है

बहुत काम की चीज होती है
करने में फायदा ही फायदा है
नहीं करेगा नुकसान में रहेगा
पता चल गया उसे नहीं किया करके
किसी और बात में परेशान करेगा

कर क्यों नहीं लेता कर ले
सारा संसार ही करने वाला है

बाहर नहीं करने की इच्छा है कोई बात नहीं
कोई कोई तो आकाश में हवाई जहाज में तक करने वाला है
समुद्र में पानी के जहाजों में भी किया जायेगा
जमीन आसमान में तो होगा ही होगा
कोई घुस पाया जमीन के अंदर
तो पाताल में तक किया जायेगा

अभी ये करने की बात हो रही है
इसके बाद फिर वो करने के लिये भी कहा जायेगा

आज कर लेगा तभी प्रमाण पत्र भी दिया जायेगा
नहीं करेगा ‘उलूक’
पेड़ों की टहनियों पत्तियों में नाम लिख दिया जायेगा

अगली बार जब वो किया जायेगा
तब ये नहीं किया करके वो भी नहीं करने दिया जायेगा

अभी भी समय है सोच ले
सब कुछ तो करता ही है क्या नहीं करता है
इसे करने में कौन सा बदनाम हो जायेगा ।

चित्र साभार: mystiquesadvice.blogspot.com

गुरुवार, 3 अक्तूबर 2013

जरूरी नहीं सब सबकुछ समझ ले जायें


विचारधाराऐं 
नदी के दो किनारों की धाराऐं 

किसी एक को अपनायें 

सोचें कुछ नहीं
बस आत्मसात करें और फैलायें 
लोगों को अनुयायी बनायें 

सबको बतायें 
किनारे कभी मिलते नहीं 
किनारे किनारे तैरें तो कभी डूबते नहीं 
संभव नहीं 
इस किनारे वाले उस किनारे पर चले जायें 

अवसर होती हैं 
नदी के बीच बह रही धाराऐं 
जब भी कभी नजर आयें किसी को ना बतायें 
खुद डुबकी लगायें 

बस ध्यान रहे इतना 
किसी भी अनुयायी को इसकी भनक ना हो पाये 
संगम होता दिखे किनारे किनारे चलते चलते
कभी दो नदियों का रुक जायें मनन करें 
खोज करने से पहले परहेज करना होता है
बेहतर के फलसफे को अपनायें 

इससे पहले अनुयायिओं को दिखे 
दो किनारों का जुड़ना 
और 
विचारधाराओं का मिलना 
सबका ध्यान बटायें 

एक महाकुंभ करवाने का जुगाड़ लगवायें 
अवसरों के संगम को जाने ना दें भुनायें 
खुद किनारे को छोड़ कर 
संगम करती नदियों के बीच में 
डुबकियां लगायें 

विचारधारायें 
नदी के दो किनारों की धारायें 
संभव नहीं होता है मिलन जिनका कभी 
अनुयायियों को समझाते 
यही बस चले जायें 

आ ही गया किसी के समझ में थोड़ा बहुत 
कभी ना घबरायें 
किनारे पर ना रहने दें 
अपने साथ डुबकी लगाने नदी के बीच 
उसे भी लेते चले जायें ।

चित्र साभार: 
https://mark-borg.github.io/blog/2016/river-crossing-puzzles/