tag:blogger.com,1999:blog-3149292534371733588.post2164900497330729173..comments2024-03-29T10:11:48.556+05:30Comments on उलूक टाइम्स: दो और दो पाँच सुशील कुमार जोशीhttp://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-3149292534371733588.post-634610318563755432012-08-31T17:31:42.354+05:302012-08-31T17:31:42.354+05:30बहुत अच्छी प्रस्तुति!
इस प्रविष्टी की चर्चा कल शनि...बहुत अच्छी प्रस्तुति!<br />इस प्रविष्टी की चर्चा कल शनिवार (01-09-2012) के <a href="http://charchamanch.blogspot.in/" rel="nofollow">चर्चा मंच</a> पर भी होगी!<br />सूचनार्थ! डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3149292534371733588.post-63664509690090560832012-08-31T11:08:23.972+05:302012-08-31T11:08:23.972+05:30क्या सच्चाई बतलाई है सर आपने क्या सच्चाई बतलाई है सर आपने अरुन अनन्तhttps://www.blogger.com/profile/02927778303930940566noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3149292534371733588.post-17749335658809536172012-08-30T23:16:22.221+05:302012-08-30T23:16:22.221+05:30भई बहुत खूब सूरत उलूक टाइम्स विज्ञान भी यही कहता ह...भई बहुत खूब सूरत उलूक टाइम्स विज्ञान भी यही कहता है टू एंड टू आलवेज़ डज़ नाट मेक फॉर ,दे केन बी जीरो .....टू ईकुवल वेक्टर इन अपोज़िट्स मेक जीरो . सामने वाले को देख बात कर ,उडती चिड़िया पहचान ,धोभी का गधा बन ,ज़हानत को उठाकर उधर रख ,बन दिग - विजय बन कह दो और दो पांच ,कह दो और दो ,रुको मत और दो ,देते ही जाओ ,यहाँ भी पधारें -<br /><br />बृहस्पतिवार, 30 अगस्त 2012<br />लम्पटता के मानी क्या हैं ?<br />लम्पटता के मानी क्या हैं ? <br /><br />लम्पटता के मानी क्या हैं ?<br /><br />कई मर्तबा व्यक्ति जो कहना चाहता है वह नहीं कह पाता उसे उपयुक्त शब्द नहीं मिलतें हैं .अब कोई भले किसी अखबार का सम्पादक हो उसके लिए यह ज़रूरी नहीं है वह भाषा का सही ज्ञाता भी हो हर शब्द की ध्वनी और संस्कार से वाकिफ हो ही .लखनऊ सम्मलेन में एक अखबार से लम्पट शब्द प्रयोग में यही गडबडी हुई है .<br /><br />हो सकता है अखबार कहना यह चाहता हों ,ब्लोगर छपास लोलुप ,छपास के लिए उतावले रहतें हैं बिना विषय की गहराई में जाए छाप देतें हैं पोस्ट .<br /><br />बेशक लम्पट शब्द इच्छा और लालसा के रूप में कभी प्रयोग होता था अब इसका अर्थ रूढ़ हो चुका है :<br /><br />"कामुकता में जो बारहा डुबकी लगाता है वह लम्पट कहलाता है "<br /><br />अखबार के उस लिखाड़ी को क्षमा इसलिए किया जा सकता है ,उसे उपयुक्त शब्द नहीं मिला ,पटरी से उतरा हुआ शब्द मिला .जब सम्पादक बंधू को इस शब्द का मतलब समझ आया होगा वह भी खुश नहीं हुए होंगें .<br />http://veerubhai1947.blogspot.com/<br />ram ram bhaivirendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3149292534371733588.post-12835285447145497642012-08-30T20:00:56.735+05:302012-08-30T20:00:56.735+05:30वाह: सच कहा..आज दो और दो पाँच ही कहा जाता हैवाह: सच कहा..आज दो और दो पाँच ही कहा जाता हैMaheshwari kanerihttps://www.blogger.com/profile/07497968987033633340noreply@blogger.com