उलूक टाइम्स

शनिवार, 16 जनवरी 2010

आदमी और सौर मण्डल

आदमी
घूमता है
तारा बन

अपने ही
बनाये
सौर मण्डल
में

घूमते घूमते
भूल
जाता है

कि
घूमना
है उसे

अपने ही
सूरज के
चारों ओर

जिंदगी के
हर हिस्से
के सूरज

नज़र आते
हैंं उसे

अलग अलग

घूमते घूमते
भूल
जाता है

चक्कर 
लगाना

और
लगने लगता
है उसे

वो नहीं
खुद सूरज
घूम
रहा है

उसके
ही
चारों
ओर ।