अपने आस पास की मकड़ी हो जाना
या फिर एक केंचुआ मक्खी या मधुमक्खी
पर आदमी हो जाना सबसे बड़ा अचम्भा
उसपर जब चाहो
मकड़ी कछुऎ बिल्ली कुत्ते उल्लू
या एक बिजली का खम्बा छोटा हो या लम्बा
समय के हिसाब से
अपनी टाँगों को यूं कर ले जाना
उस पर मजे की बात
पता होना कि कहाँ क्या हो रहा है
पर
ऎसे दिखाना जैसे सारा जहाँ
बस उसके लिये ही तो रो रहा है
वो एहसान कर
हंसने का ड्रामा तो कर रहा है
शराफत से निभाना
गाली को गोली की तरह पचाना
सामने वाले को
सलाम करते हुऎ बताते चले जाना
समझ में सबकुछ ऎसे ही आ जाना
पर दिखाना
जैसे बेवकूफ हो सारा का सारा जमाना
जैसे बेवकूफ हो सारा का सारा जमाना
टिप्पणी करने में हिचकिचाना
क्योंकी
पकडे़ जाने का क्यों छोड़ जाना
एक कहीं निशाना
चुपके से आना पढ़ ले जाना
मुस्कुराना और बस सोच लेना
एक बेवकूफ को
अच्छा हुआ कि कुछ नहीं पढ़ा
अपनी ओर से कुछ भी बताना ।
चित्र साभार: https://www.thequint.com/
चित्र साभार: https://www.thequint.com/
बहुत बढ़िया..
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर अभिव्यक्ति,,,
जवाब देंहटाएंगणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाए,,,
recent post: गुलामी का असर,,,
वही तो कर रहे हैं!
जवाब देंहटाएंकबाड़ी के यहाँ भी रत्न छिपे होते है!
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बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
वन्देमातरम् !
गणतन्त्र दिवस की शुभकामनाएँ!
शुभकामनायें आदरणीय ।
जवाब देंहटाएंअति सुन्दर ,भावपूर्ण रचना ...
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