उलूक टाइम्स

"बर्बाद गुलिस्ताँ करने को बस एक ही उल्लू काफ़ी था हर शाख़ पे उल्लू बैठा है अंजाम-ए-गुलिस्ताँ क्या होगा " :- शौक़ बहराइची

गुरुवार, 26 जून 2025

शुभकामनाएं जन्मदिन की पाँच लिंक्स

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  चिट्ठियाँ ना जाने कब का सो गयीं या शायद रास्ते में कहीं खो गयीं लेकर के झोले  डाकिए दिखते तो हैं  कुछ सामान शायद अभी भी बिकते तो हैं चिट्...
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शनिवार, 11 जनवरी 2025

जद्दोजहद होने ना होने के बीच

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  अभी उसने बताया तुम हो  समझाया भी खरा खरा  होने का मतलब  अच्छा महसूस हुआ  नहीं होने से होने तक पहुंचना  बहुत बड़ी बात लगी  समझ में भरा था  स...
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मंगलवार, 31 दिसंबर 2024

लिखने लिखाने की बीमारी है कौन सा हस्पताल में बिस्तर बदलना है

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  मालूम है कि कुछ भी कहीं भी बदला नहीं है सालभर में ना ही आगे बदलना है किसलिए तोलना है मिट्टी को हवा को पानी को रहने दे उन्हें अभी संभलना है...
14 टिप्‍पणियां:
मंगलवार, 10 दिसंबर 2024

लिख ले लिखता चल जमीर को मार दे

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  शब्द चार उधार ले जिंदगी सुधार दे आसमां उतार ले जमीं जमीं निथार दे कदम उठा ताल दे कहने दे बबाल दे किसने किस को देखना आईना उबाल  दे अपना अपन...
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शनिवार, 30 नवंबर 2024

इतना कुरेद कब्र लिखी जाए

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  इतना कुरेद कब्र लिखी जाए दफन करने के लिए कुछ कुछ किया जाए मिट्टी नहीं सही राख ली जाए   कफन ढकने के लिए कुछ कुछ दिया जाए आग से खेल नि...
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सुशील कुमार जोशी
Almora, Uttarakhand, India
ना कविता लिखता हूँ ना कोई छंद लिखता हूँ अपने आसपास पड़े हुऎ कुछ टाट पै पैबंद लिखता हूँ ना कवि हूँ ना लेखक हूँ ना अखबार हूँ ना ही कोई समाचार हूँ जो हो घट रहा होता है मेरे आस पास हर समय उस खबर की बक बक यहाँ पर देने को तैयार हूँ ।
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