उलूक टाइम्स

"बर्बाद गुलिस्ताँ करने को बस एक ही उल्लू काफ़ी था हर शाख़ पे उल्लू बैठा है अंजाम-ए-गुलिस्ताँ क्या होगा " :- शौक़ बहराइची

शनिवार, 16 अगस्त 2025

“बात करनी मुझे मुश्किल कभी ऐसी तो न थी” मेंहदी हसन की गाई ज़फ़र की गजल की ही बात करें

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कृष्ण की बात करें गीता की बात करें जो हो रहा है उसे तो होना ही है मानकर आत्मसात करें स्वतंत्रता दिवस मनाएं  जन्माष्टमी भी मनाएं झंडे साथ मे...
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मंगलवार, 12 अगस्त 2025

जंगल की बात कर दिखा चारों तरफ सारा हरा हरा

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सोच कर के  लिख कुछ कुछ लिख कर  के सोच सिक्का उछाल हवा में रोज का रोज चित भी तेरी  पट भी तेरी किसे देखना है किसे है कुछ होश खड़ा हो जाए अगर दे...
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रविवार, 10 अगस्त 2025

पहुंचा कर महफ़िलों में बिना भूले कि प्रश्न पाठ्यक्रम से हटा दिए गए हैं

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हां सही किया देर से ही सही इधर उधर देखना छोड़ दिया और सीख लिया नाक की सीध में चलना नाक को ही बस देखते हुए तुझे ज्ञान होना चाहिए कि तेरा अस्ति...
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शुक्रवार, 8 अगस्त 2025

कह नहीं देना जरा सा भी मंजूरे खुदा होता है

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  गले तक आता है कुछ मुंह में कुछ और होता है उलटने में निकलता है जो वो कुछ और होता है जलन होती ही है जब जलता है कुछ हौले हौले अंदर कहीं आग कि...
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बुधवार, 6 अगस्त 2025

हर किसी को करना है बहुत कुछ ऐसा जो तेरे हिसाब का कुछ भी नहीं

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पता है लिख रहे हो तुम बहुत कुछ बहुत संजीदा सा मगर इस दुनियां का उसमें कुछ भी नहीं सारे जवाब हैं तुम्हारे खुद के प्रश्नों के हैं और हैं भी सट...
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सुशील कुमार जोशी
Almora, Uttarakhand, India
ना कविता लिखता हूँ ना कोई छंद लिखता हूँ अपने आसपास पड़े हुऎ कुछ टाट पै पैबंद लिखता हूँ ना कवि हूँ ना लेखक हूँ ना अखबार हूँ ना ही कोई समाचार हूँ जो हो घट रहा होता है मेरे आस पास हर समय उस खबर की बक बक यहाँ पर देने को तैयार हूँ ।
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