खड़े खड़े
किनारे
में
कहीं
पहले
से
सूखे हुए
किसी पेड़
के
हरियाली
सोचते
हुए
थोड़े से
समझ
में
थोड़ा थोड़ा
करके
समय
के
साथ
समझ
आ बैठे
शब्दों
की
रेजगारी
के
साथ
मगजमारी
करते
सामने वाले
के
मगज
की
लुगदी बनाने
की
फिराक
में
तल्लीन
समकालीन
दौड़ों से
दूरी
बनाकर
लपेटते
हुऐ
वाक्यों के साथ
कलाबाजियाँ
करते
कब
दौड़
के
मैदान में
पहुँचा जाता है
अपनी
बकवास
लेकर
वो भी
दौड़ते
साहित्य
के
बिल्कुल
मध्य में
अपने अपने
मेडल
पकड़ कर
लटकते
उलझते
शब्द
अपने
वाक्यों से
झूझते
कलाबाजियाँ
खाते हुऐ
रोज
नये कपड़े
पहन कर
जैसे
शामिल
हो रहे हों
कैट वॉक में
रस्सियों
के
सहारे
खेल दिखाते
बिना टाँग
के
वाक्य
शब्दों
के
मोहताज
कभी भी
नहीं
होते हैं
खुले आम
सड़क के बीच
दौड़ते धावक
किसलिये
जंगल में
दौड़ना
शुरु कर देते हैं
समझते
भी नहीं
दौड़ में
शामिल
नहीं
होने वाले
खरपतवार
झाड़
सब्जी होना
शुरु
हो लेते हैं
बन्द
हो
जाता है
उनका
उगना
तेजी से
ना
चाह कर भी
लिखना
जरूरी है
‘उलूक’
उतना
ही
जितने
शब्द से
पहचान हो
वाक्य
टूटे हों
कोई
फर्क
नहीं पड़ता है
दौड़ भी
अच्छी है
मेडल
के
साथ हो
सोने में
सुहागा है
मैदान
में
दौड़ना
समझ में
आता है
चूने
की
रेखाओं
से
बाहर
निकल कर
खड़े
बेवकूफों
को
शामिल
कर लेना
ठीक नहीं
दौड़ते
रहें
साहित्य
जिंदा रहेगा
बकवास
कभी
साहित्य
नहीं बनेगा
‘उलूक’
डर मत
साहित्य
से
लिखता रह
दौड़ते
शब्द
टूटते वाक्य
उलझते पन्ने
सब
समय है
और
समय
घड़ी
की
सूईयों से
नहीं
नापा जाता है।
वाह सर लाज़वाब दर्शन लिखा है आपने..बहुत अलग।
जवाब देंहटाएंभीड़ की तरह दौड़ में शामिल होकर भीड़ में शामिल होने से बेहतर है भीड़ के गुजरे राह में भीड़ के द्वारा बने गड्ढों को भरने का प्रयास किया जाय।
अच्छा साहित्यकार वह होता है जिसे सत्ताधारियों का संरक्षण मिलता है और जो आक़ाओं की बनाई धुनों पर गीत लिख सकता हो.
जवाब देंहटाएंहमेशा सबसे अलग ढपली बजाने वाला, सबसे जुदा राग सुनाने वाला, उलूक तालियाँ थोड़ी पाएगा, उसे तो गालियाँ मिलेंगी या फिर लाठियां !
चूने
जवाब देंहटाएंकी
रेखाओं
से
बाहर निकल कर
खडे बेवकूफों को
शामिल कर लेना
ठीक नहीं........
👌👌👌👍👍👍
आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज बुधवार 22 जनवरी 2020 को साझा की गई है...... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंअद्भुत!!!
जवाब देंहटाएंयह रचना प्रोत्साहित कर रही है। वाकई बहुत बढ़िया 👌👌👌👌
सत्य... लेखन प्रत्येक परिस्थिति में चलता रहे।
पूरी कविता पढ़कर लगा जैसे, दर्शनशास्त्र की कोई पुस्तक पढ़ा है मैने और फिर भी पढ़ना बाकि है अभी!!!!
जवाब देंहटाएंआपकी लेखनी को सादर नमन है आदरणीय जोशी जी।
नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" में गुरुवार 23 जनवरी 2020 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
वाहः
जवाब देंहटाएंसुंदर लेखन
दौड़ते
जवाब देंहटाएंशब्द
टूटते वाक्य
उलझते पन्ने
वाह बेहतरीन 👌👌
बेहद असरदार शब्द
जवाब देंहटाएंगज़ब लिखा.
जवाब देंहटाएंIf you looking for Publish a book in Indiacontact us today for more information
जवाब देंहटाएंक्या कटाक्ष करते हैं आप
जवाब देंहटाएंवाह
University of Perpetual Help System Dalta Top Medical College in Philippines
जवाब देंहटाएंUniversity of Perpetual Help System Dalta (UPHSD), is a co-education Institution of higher learning located in Las Pinas City, Metro Manila, Philippines. founded in 1975 by Dr. (Brigadier) Antonio Tamayo, Dr. Daisy Tamayo, and Ernesto Crisostomo as Perpetual Help College of Rizal (PHCR). Las Pinas near Metro Manila is the main campus. It has nine campuses offering over 70 courses in 20 colleges.
UV Gullas College of Medicine is one of Top Medical College in Philippines in Cebu city. International students have the opportunity to study medicine in the Philippines at an affordable cost and at world-class universities. The college has successful alumni who have achieved well in the fields of law, business, politics, academe, medicine, sports, and other endeavors. At the University of the Visayas, we prepare students for global competition.