सबसे अच्छा है
कुछ नहीं लिखना
कई कई दिनों तक
पन्नों में नहीं दिखना
किसी ने पूछना नहीं है
क्यों नहीं दिख रहे हो
किसे मतलब है
कहने से
किसलिये
बकवास करने से आजकल बच रहे हो
लिखने लिखाने वाले सभी
कुछ ना कुछ लिख रहे हैं
सब अपनी अपनी जगह पर
अपने हिसाब से दिख रहे हैं
कोई देश लिख रहा है
कोई प्रदेश लिख रहा है
कोई शहर लिख रहा है
कोई प्रहर लिख रहा है
किस ने रोका है तुझे लिखने से
नहर लिख
किसी ने नहीं कहना है
किसलिये नहर लिख रहा है
जो हो रहा है
उसे उसी तरह किसने लिखना है
कुछ हिसाब किताब
बही खाते के हिसाब से लिख
और पूछ
लिखने वाले से
क्या जी एस टी दे कर आया है
जो किताब लिख रहा है
कुछ सरकार लिख रहे हैं
कुछ बेकार लिख रहे हैं
बेगार लिखना गुनाह नहीं है
राग दरबार लिख रहे हैं
लिख ‘उलूक’ लिख
तेरे लिखने से
कुछ नहीं कर सकने वाले
लिखने लिखाने के तरीके के
कारोबार लिख रहे हैं
समझ में आना ना आना
अलग बात है
कुछ तो है कहीं यहीं
लिखने लिखाने वालो के लिये
बकवास करने वाले हैं कुछ
बेगार ही सही
बेगार लिख रहे हैं।
चित्र साभार: http://clipart-library.com/
कुछ नहीं लिखना
कई कई दिनों तक
पन्नों में नहीं दिखना
किसी ने पूछना नहीं है
क्यों नहीं दिख रहे हो
किसे मतलब है
कहने से
किसलिये
बकवास करने से आजकल बच रहे हो
लिखने लिखाने वाले सभी
कुछ ना कुछ लिख रहे हैं
सब अपनी अपनी जगह पर
अपने हिसाब से दिख रहे हैं
कोई देश लिख रहा है
कोई प्रदेश लिख रहा है
कोई शहर लिख रहा है
कोई प्रहर लिख रहा है
किस ने रोका है तुझे लिखने से
नहर लिख
किसी ने नहीं कहना है
किसलिये नहर लिख रहा है
जो हो रहा है
उसे उसी तरह किसने लिखना है
कुछ हिसाब किताब
बही खाते के हिसाब से लिख
और पूछ
लिखने वाले से
क्या जी एस टी दे कर आया है
जो किताब लिख रहा है
कुछ सरकार लिख रहे हैं
कुछ बेकार लिख रहे हैं
बेगार लिखना गुनाह नहीं है
राग दरबार लिख रहे हैं
लिख ‘उलूक’ लिख
तेरे लिखने से
कुछ नहीं कर सकने वाले
लिखने लिखाने के तरीके के
कारोबार लिख रहे हैं
समझ में आना ना आना
अलग बात है
कुछ तो है कहीं यहीं
लिखने लिखाने वालो के लिये
बकवास करने वाले हैं कुछ
बेगार ही सही
बेगार लिख रहे हैं।
चित्र साभार: http://clipart-library.com/
जी नमस्ते ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार(३०-०१-२०२१) को 'कुहरा छँटने ही वाला है'(चर्चा अंक-३९६२) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है
--
अनीता सैनी
बहुत ख़ूब
जवाब देंहटाएंसबसे अच्छा है
जवाब देंहटाएंकुछ नहीं लिखना
कई कई दिनों तक
पन्नों में नहीं दिखना....
क्या खूब। ।।।। एक बेहतरीन नजरिया, और प्रतीकात्मक टिप्पणी। ।।।।
हमेशा की तरह प्रभावशाली व्यंग।।।।
वाह्ह्ह्ह्ह् :)
जवाब देंहटाएंलिख ‘उलूक’ लिख
जवाब देंहटाएंतेरे लिखने से
कुछ नहीं कर सकने वाले
लिखने लिखाने के तरीके के
कारोबार लिख रहे हैं ;)
यूँ ही लिखना जारी रहे। वाह!
वाह, आप बहुत खूब लिख रहे हैं शुभप्रभात नमन
जवाब देंहटाएंसुन्दर सृजन ।
जवाब देंहटाएंजो हो रहा है
जवाब देंहटाएंउसे उसी तरह किसने लिखना है
बहुत बहुत सुदर |
वाह बहुत खूब !
जवाब देंहटाएंलिखने से कहां तकदीर बदलनी हैं किसी की।
लेख विधना ने लिख दिये जो होने वाले है।
फिर भी लिखता चल ऐ कलम के सिपाही
भाग्य नहीं पर शायद इतिहास ही बदलने वाले हैं।
अप्रतिम।
जवाब देंहटाएंजय मां हाटेशवरी.......
आप को बताते हुए हर्ष हो रहा है......
आप की इस रचना का लिंक भी......
31/01/2021 रविवार को......
पांच लिंकों का आनंद ब्लौग पर.....
शामिल किया गया है.....
आप भी इस हलचल में. .....
सादर आमंत्रित है......
जय मां हाटेशवरी.......
आप को बताते हुए हर्ष हो रहा है......
आप की इस रचना का लिंक भी......
31/01/2021 रविवार को......
पांच लिंकों का आनंद ब्लौग पर.....
शामिल किया गया है.....
आप भी इस हलचल में. .....
सादर आमंत्रित है......
अधिक जानकारी के लिये ब्लौग का लिंक:
https://www.halchalwith5links.blogspot.com
धन्यवाद
अधिक जानकारी के लिये ब्लौग का लिंक:
https://www.halchalwith5links.blogspot.com
धन्यवाद
बेहतरीन
जवाब देंहटाएंकुछ भी न कहा और कह भी गए, कुछ कहते कहते रह भी गए - - ( तनवीर नक़वी ), एक अल्हदा अन्दाज़े बयां हमेशा की तरह बहुत कुछ कह जाती है। नमन सह।
जवाब देंहटाएंगज़ब
जवाब देंहटाएंउम्दा भावाभिव्यक्ति
कुछ भी लिखने की मनाही तो नहीं
जवाब देंहटाएंबेगार या बकवास ही है तबाही तो नहीं
----
जी प्रणाम सर।
सादर।
क्या बात है... बहुत ख़ूब
जवाब देंहटाएंएकदम बेबाक लेखनी
साधुवाद आदरणीय जोशी जी 🙏
बेहतरीन कविता |हार्दिक शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंसच है, किसी ने नहीं पूछना है क्यों नहीं दिख रहे हो
जवाब देंहटाएंसब अपनी अपनी जगह पर
जवाब देंहटाएंअपने हिसाब से लिख रहे हैं -कोई ऐसा ,कोई वैसा.
वाह! वाह! वाह!
जवाब देंहटाएंक्या लिखा माननीय...।
अद्भुत।
कुछ सरकार लिख रहे हैं
कुछ बेकार लिख रहे हैं
बेगार लिखना गुनाह नहीं है
राग दरबार लिख रहे हैं
लिख ‘उलूक’ लिख
तेरे लिखने से
कुछ नहीं कर सकने वाले
लिखने लिखाने के तरीके के
कारोबार लिख रहे हैं
'लिखने लिखाने वालो के लिये
जवाब देंहटाएंबकवास करने वाले हैं कुछ
बेगार ही सही
बेगार लिख रहे हैं'
बिल्कुल सही कहा सर!
कुछ नहीं लिखना
जवाब देंहटाएंकई कई दिनों तक
पन्नों में नहीं दिखना
किसी ने पूछना नहीं है
क्यों नहीं दिख रहे हो
किसे मतलब है
कहने से
किसलिये
बकवास करने से आजकल बच रहे हो..बहुत ही सारगर्भित लेखन ..अद्भुत व्यंगात्मक शैली..हमेशा की तरह शानदार..
वाह !
जवाब देंहटाएंलाजवाब..
जवाब देंहटाएंलिखने लिखाने वाले सभी
जवाब देंहटाएंकुछ ना कुछ लिख रहे हैं
सब अपनी अपनी जगह पर
अपने हिसाब से दिख रहे हैं
कोई देश लिख रहा है
कोई प्रदेश लिख रहा है
कोई शहर लिख रहा है
कोई प्रहर लिख रहा है
सही बात है अपने अपने हिसाब से सभी लिख रहे हैं और उलूक सबके हिसाब से लिख रहे हैं....
वाह!!!
Gajab !! bhut achhe
जवाब देंहटाएंDhund Di Khushboo Lyrics in Hindi
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जवाब देंहटाएंबहुत प्यारा संगीत है, धन्यवाद. टूटा हुआ लेकिन सुंदर 3 गाने (broken but beautiful 3 songs)
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