उलूक टाइम्स

"बर्बाद गुलिस्ताँ करने को बस एक ही उल्लू काफ़ी था हर शाख़ पे उल्लू बैठा है अंजाम-ए-गुलिस्ताँ क्या होगा " :- शौक़ बहराइची

शनिवार, 29 मई 2021

किसने कहा है बकवास पढ़ना जरूरी है ‘उलूक’ की ना लिखा कर कहकर मत उकसाओ

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उड़ रहे हैं काले कौऐ आकाश दर आकाश कबूतर कबूतर चिल्लाओ कौन बोल रहा है सच रोको उसे ढूँढ कर एक गाँधी कहीं जा कर के कूट आओ इस से पूछो उस से पूछो...
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सुशील कुमार जोशी
Almora, Uttarakhand, India
ना कविता लिखता हूँ ना कोई छंद लिखता हूँ अपने आसपास पड़े हुऎ कुछ टाट पै पैबंद लिखता हूँ ना कवि हूँ ना लेखक हूँ ना अखबार हूँ ना ही कोई समाचार हूँ जो हो घट रहा होता है मेरे आस पास हर समय उस खबर की बक बक यहाँ पर देने को तैयार हूँ ।
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