उलूक टाइम्स

"बर्बाद गुलिस्ताँ करने को बस एक ही उल्लू काफ़ी था हर शाख़ पे उल्लू बैठा है अंजाम-ए-गुलिस्ताँ क्या होगा " :- शौक़ बहराइची

सोमवार, 7 जून 2021

किसी को कुछ पता ना चले और लिखे लिखाये के पैदा होने से पहले उसकी मौत हो जाये

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  लिखने की इच्छा है लिखो किसने रोका है  थोड़ा सा लिखो कुछ छोटा सा लिखो समझ ले कोई भी कुछ ऐसा लिखो उस लिखे पर कोई भी कुछ भी लिख ले जाये भटक ना...
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सुशील कुमार जोशी
Almora, Uttarakhand, India
ना कविता लिखता हूँ ना कोई छंद लिखता हूँ अपने आसपास पड़े हुऎ कुछ टाट पै पैबंद लिखता हूँ ना कवि हूँ ना लेखक हूँ ना अखबार हूँ ना ही कोई समाचार हूँ जो हो घट रहा होता है मेरे आस पास हर समय उस खबर की बक बक यहाँ पर देने को तैयार हूँ ।
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