जमाना
वाकई में
बड़ी तेजी से
बदलता
जा रहा है
कौआ
कबूतर को
राजनीति
सिखा रहा है
कबूतर
अब चिट्ठियाँ
नहीं पहुंचाया
करता है
कौवा भी
कबूतर को
खाया नहीं
करता है
कौवा
उल्लुओं का
शिकार करने
की नयी
जुगत
बना रहा है
कौवा
कबूतर
भेज कर
उल्लूओं को
फंसा रहा है
ये पक्षियों
को क्या होता
जा रहा है
पारिस्थितिकी
को क्यों इस तरह
बिगाड़ा जा रहा है
"आदमी की
संगत का असर
पक्षियों का
राजनीतिक
सफर"
मूँछ मे
ताव देता
एक प्रोफेसर
टेढ़े टेढ़े मुंह से
हंसता हुवा
यू जी सी की
संस्तुति हेतु
एक करोड़
की परियोजना
बना रहा है।
वाकई में
बड़ी तेजी से
बदलता
जा रहा है
कौआ
कबूतर को
राजनीति
सिखा रहा है
कबूतर
अब चिट्ठियाँ
नहीं पहुंचाया
करता है
कौवा भी
कबूतर को
खाया नहीं
करता है
कौवा
उल्लुओं का
शिकार करने
की नयी
जुगत
बना रहा है
कौवा
कबूतर
भेज कर
उल्लूओं को
फंसा रहा है
ये पक्षियों
को क्या होता
जा रहा है
पारिस्थितिकी
को क्यों इस तरह
बिगाड़ा जा रहा है
"आदमी की
संगत का असर
पक्षियों का
राजनीतिक
सफर"
मूँछ मे
ताव देता
एक प्रोफेसर
टेढ़े टेढ़े मुंह से
हंसता हुवा
यू जी सी की
संस्तुति हेतु
एक करोड़
की परियोजना
बना रहा है।
badhiya vyangya
जवाब देंहटाएंपाँच साल से पैक है, इक नौ लखा मशीन ।
जवाब देंहटाएंनई योजना ली बना, हो प्रोजेक्ट विहीन ।
हो प्रोजेक्ट विहीन, मिलेंगे पुन: करोड़ों ।
सात पुश्त के लिए, सम्पदा जम के जोड़ो ।
ड्राइवर माली धाय, खफा हैं चाल-ढाल से ।
पत्नी पुत्री-पुत्र, बिगड़ते पाँच साल से ।।
आज शुक्रवार
जवाब देंहटाएंचर्चा मंच पर
आपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति ||
charchamanch.blogspot.com