सोमवार, 21 मई 2012

चोरवा विवाह और मास्टर

आमीरखान का
धारावाहिक
सत्यमेव जयते
हम नहीं भी देखते
दूर दर्शन का डब्बा
घर पर कपड़े से ढक
कर जरूर हैं रखते
साथियों के बीच हो
रही चर्चा से पर क्या
कह कर बचते
कल के साप्ताहिक
अंक का एक पहलू
रहा चोरवा विवाह
जिसको सुन सुन कर लोग
भर रहे थे आह पर आह
अजब गजब का किस्सा
बताया जा रहा था कि
देश के कुछ इलाकों में
होनहार बुद्धिमान वरों को
बंदूक की नोक पर उठवा
लिया जाता है
उसके बाद किसी एक कन्या
से उसका जबरदस्ती विवाह
भी करा दिया जाता है
प्रशाशक अभियंता चिकित्सक
प्राथमिकता से उठवाये जाते है
उसके बाद धमकी के देकर
वधू के साथ उसके घर
छोड़ दिये जाते हैं
वैसे तो होता क्या है
विवाह तो विवाह होता है
ऎसे होता है या वैसे होता है
किसी को भी इस किस्से में
मजा नहीं आ रहा था
तभी किसी ने एक नयी
बात वहां पर बताई
जिसको सुन कर सारे
चर्चाकारों के चेहरे पर
अच्छी सी मुस्कान आई
अब तो कभी कभी
मास्टरों को भी उठवा
लिया जाता है
उनका भी चोरवा विवाह
करवा दिया जाता है
इस बात से पता चला
मास्टर भी अब तरक्की
के रास्ते पर आ रहा है
कुछ लोकप्रियता इस तरह
से वो भी पा जा रहा है
सम्मानित लोगों के साथ
उसको भी कभी कभी
उठा लिया जा रहा है
चलो शादी के बाजार में
बड़े लोगों के बीच
कुछ कीमत कोई तो
उसकी भी लगा रहा है।

4 टिप्‍पणियां:

  1. शनै: शनै: शनीचरा, गुरुवर हुआ समाप्त |
    मासिक वेतन पा रहे, अभी रईसी व्याप्त |

    अभी रईसी व्याप्त, पकडुआ व्याह रचाए |
    पाया नहीं दहेज़, किन्तु किडनेप हो जाए |

    दो रविकर दस लाख, शुरू टीचर की बारी
    किस्मत जाए जाग, बढ़ा रूतबा संसारी ||

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  2. सुशील जी,

    मैंने भी 'चौरवा विवाह'/ 'पकडुआ विवाह' के
    उस साप्ताहिक अंक को देखा था.
    आमिर खान एक तरफ
    विवाह में 'दहेज़' के लेन-देन को
    रुआँसे होकर
    ग़लत बता रहे थे...
    वहीं दूसरी तरफ
    बिना दहेज़ के हुए
    'चौरवा विवाह' को भी ग़लत बता रहे थे... लेकिन सभी लोग ठहाके लगा रहे थे.

    यदि इस प्रोग्राम का मुद्दा समाज से 'दहेज़ प्रथा' को मिटाना था तो उन्हें 'चौरवा' की पैरवी करनी चाहिए थी.
    जब 'चौरवा विवाह' बिना दहेज़ के करवाये जा रहे हैं... तो एक दृष्टि से ठीक ही हैं.
    'प्रशासक, अभियंता और चिकित्सक बनकर कोई भी युवा बिना कीमत वसूल किये विवाह को तैयार होता ही नहीं तो दहेज़ समस्या से निपटने को 'चौरवा विवाह' ही एकमात्र हल है.

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  3. badhiya vyangya kavita... sundar.. chutki me ye samasya hal nahi ho sakte.. aamir sahab nahi samajh rahe ise....

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  4. हम तो उस राज्य से हैं जहां खूब चोरवा विवाह होता था। आजकल इस व्यवसाय में कमी आ गई है, लगता है। वह सीरियल तो मैं भी नहीं देखता लेकिन आपकी कविता का व्यंग्य लाजवाब है।

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