रविवार, 3 जून 2012

राष्ट्रीय कुप्रबंधन संस्थान

देश जहाँ निरक्षर
को साक्षर बनाता है
वहीं पर साक्षर
सबसे ज्यादा देश
को चूना लगाता है
प्रबंधन को बहुत
आसानी से कुप्रबंधन
बनाया जाता है
हर कहीं ये
दूर दूर से भी
साफ नजर
आ जाता है
व्यापार में जब
कुछ भी आजमाया
जाता है
तो किसी के
दिमाग में ये क्यों
नहीं आता है
कुप्रबंधन संस्थानों
को रोजगार का
जरिया क्यों
नहीं अभी भी
कोई बनाता है
चहेते कुप्रबंधकों
को भी कहीं
नौकरी में घुसा
ले जाता है
प्रबंधन गुरुओं की
खेप में उसे नहीं
मिलाता है
इस तरह की
सोच से देश
को क्यों नहीं
बचा ले जाता है।


6 टिप्‍पणियां:

  1. आपने सही कहा साक्षर ही सबसे ज्यादा देश को चूना लगाते है,...
    बढ़िया प्रस्तुति,
    RESENT POST ,,,, फुहार....: प्यार हो गया है ,,,,,,

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  2. अच्छा व्यंग्य/सच्चाई! निरक्षर अगर साक्षर हो भी जाये मगर नोच की सोच बनी रहे तो ऐसे लोग अपने समाज का बेड़ा ही ग़र्क करते हैं!

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  3. बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
    आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल सोमवार के चर्चा मंच पर भी होगी!
    सूचनार्थ!

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  4. ये शिक्षित कुप्रबंधक देश को लूटने में लगें हैं, और अशिक्षित आम जनता इनके हाथों बंधक से हो गए हैं।

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  5. सही कहा आपने आजकल तो शिक्षित लोग ही देश लूटने में लगे हैं !!
    सुंदर प्रस्तुति .... साभार !!

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  6. यही तो दोष है इस प्रशासन का कविता के माध्यम से करारी चोट दी है

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