हर जगह एक सरकार बहुत जरूरी होती है
चाहे बनाई गयी हो किसी भी प्रकार
घर की सरकार दफ्तर की सरकार
शहर की सरकार जिला प्रदेश होते हुऎ
पूरे देश की सरकार
कुछ ही लोग बने होते हैं सरकार बनाने के लिये
उनको ही बुलाया जाता है हमेशा हर जगह
सरकार को चलाने के लिये
कुछ नाकारा भी होते हैं
बस सरकार के काम करने के तरीके पर
बात की बात बनाने वाले
काम करने वाले
काम करते ही चले जाते हैं
बातें ना खुद बनाते हैं
ना बाते बनाने वालों की बातों से
परेशान हो गये हैं कहीं दिखाते हैं
ना बाते बनाने वालों की बातों से
परेशान हो गये हैं कहीं दिखाते हैं
छोटी छोटी सरकारें
बहुत काम की सरकारें होती हैं
सभी दल के लोग
उसमें शामिल हुऎ देखे जाते हैं
दलगत भावनाऎं
कुछ समय के लिये अपने अंदर दबा ले जाते हैं
कुछ समय के लिये अपने अंदर दबा ले जाते हैं
बडे़ बडे़ काम
हो भी जाते हैं पता ही नहीं चलता है
काम करने वाले काम के बीच में
बातों को कहीं भी नहीं लाते हैं
बातों को कहीं भी नहीं लाते हैं
छोटी सरकारों से
गलतियाँ भी नहीं कहीं हो पाती है
सफाई से हुऎ होते हैं
सारे कामों के साथ साथ
गलतियाँ भी आसानी से सुधार ली जाती हैं
तैयारी होती है तो मदद भी हमेशा
मिल ही जाती है
गलती खिसकती भी है तो
अखबार तक पहुँचने से पहले ही पोंछ दी जाती है
अखबार तक पहुँचने से पहले ही पोंछ दी जाती है
ज्यादा परेशानी होने पर
छोटी सरकार के हिस्से
आत्मसम्मान अपना जगाते हैं
आत्मसम्मान अपना जगाते हैं
अपनी अपनी पार्टी के झंडे निकाल कर ले आते हैं
मिलकर काम करने को
कुछ दिन के लिये टाल कर
देश बचाने के काम में लग जाते हैं
बड़ी सरकार की बड़ी गलतियों से
छोटी सरकारों की छत्रियां बनाते हैं
बडी सरकार में भी तो
इनके पिताजी लोग ही तो होते हैं
वो भी तुरंत कौल का गेट बंद कर कुछ दिन
आई पी एल की फिक्सिंग का ड्रामा
करना शुरु हो जाते हैं ।
चित्र साभार: https://www.gograph.com/
आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि की चर्चा कल बुधवार (29-05-2013) के सभी के अपने अपने रंग रूमानियत के संग ......! चर्चा मंच अंक-1259 पर भी होगी!
जवाब देंहटाएंसादर...!
बहुत उम्दा,लाजबाब प्रस्तुति,,
जवाब देंहटाएंRecent post: ओ प्यारी लली,
यह भी ठीक है ..
जवाब देंहटाएं:)