बुधवार, 28 मई 2014

छोटी छोटी चीजें बहुत कुछ सिखाती हैं

आकाँक्षाओं के
महत्व को
समझती हैं

मकड़ियाँ
बहुत
महत्वाकाँक्षी
होती हैं

मकड़ियाँ
मिलकर
कभी भी
जाले नहीं
बनाया
करती हैं

मकड़ियाँ
बहुत प्रकार
और आकार
की होती हैं

अपने अपने
आकार और
प्रकार के
हिसाब से
आपस में
समझौते
करते हुऐ

साथ साथ
अगर चल
भी लेती हैं
हर मकड़ी
अपने जाल को
दूसरी मकड़ी
के साथ साझा
कभी नहीं करती है

एक मक्खी के
फंसने पर
उसे वही
मकड़ी खाती है
जिसके जाल में
फंसी हुई
पायी जाती है

महत्वा
काँक्षाओं
के जहर से
मारी गई
मक्खियाँ
जहरीली
नहीं होती हैं

मकड़ियाँ
मकड़ियों
का शिकार
करते हुऐ
बहुत ही कम
देखी जाती हैं

मकड़ी मकड़ी
के द्वारा
बस उसी समय
कभी कभी मार
दी जाती है
जब एक मकड़ी
दूसरी मकड़ी की
महत्वाकाँक्षाओं की
सीमा में घुसकर
रोढ़ा बन जाती हैं

मक्खियों को
मकड़ी और
जाल कभी भी
समझ में
नहीं आते हैं

उनकी
नियती होती है
जाल में फंसना
और मकड़ी का
भोजन बनना

किस
मकड़ी द्वारा
फंसाई और
मारी जायेगी

किसी
ज्योतिष से
भी नहीं
पूछ पाती है

बेवकूफ होती
है मक्खी
इतना सा भी
नहीं कर पाती है ।

9 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
    --
    आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज बृहस्पतिवार (29-05-2014) को चर्चा-1627 पर भी है।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  2. बधाई शुक्रिया आपकी टिप्पणियों का।

    बढ़िया व्यंग्य चित्र।

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