गुरुवार, 29 मई 2014

कितने तरह के लोग कितनी तरह की यादें कब लौट आयें कोई कैसे बता दे

कई बार
सामने से 
होती थी
रोज ही 
मुलाकात होती थी

मिलती थी रास्ते में 
कुत्ते का पिल्ला लिये हुऐ अपने हाथों में
 देख कर किसी को भी मुस्कुरा देती थी

कहते थे लोग
बच्चे पैदा किया करती थी
कुछ ही दिन रखती थी पास में
फिर किसी दिन 
शहर के पास की नदी में ले जा कर
उल्टा डुबा देती थी

लौट आती थी 
मुस्कुराती थी 
फिर उसी तरह

फिर वही होता था

कुत्ते का 
पिल्ला भी
बहुत दिन तक साथ में नहीं रहता था

एक दिन नदी 
में ही डूब कर मर गई

देखा नहीं था
पर
किसी को 
ऐसा जैसा ही कहते सुना था

सालों गुजर गये 
फिर सब भूल गये

कल अचानक 
रास्ते में
एक लड़की
बिल्कुल उसकी जैसे फोटो प्रतिलिपि
सामने सामने जब पड़ी
यादों की घड़ी जैसे उल्टी चल पड़ी

कुछ यादें
भूली 
नहीं जाती हैं
कहीं किसी कोने में पड़ी रह ही जाती हैं

जिनके साथ साथ

समाज में प्रतिष्ठित 
कुछ लोगों की यादें भी
लौट आती हैं ।

चित्र साभार: 
https://www.123rf.com/

4 टिप्‍पणियां:

  1. बढिया लेखन , लेकिन सर यादें सिर्फ यादें ही होती हैं , ये हमें शोक्ड करें इससे बचने के लिए आप आगे की ओर वाँक्ड करें ! अर्थात जिंदगी को जीने के लिए पीछे न मुडें आगे की तरफ चलते रहें , तो खुद भी खुश और लोग भी खुश ! धन्यवाद !
    I.A.S.I.H - ब्लॉग ( हिंदी में समस्त प्रकार की जानकारियाँ )

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  2. बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
    --
    आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज शुक्रवार (30-05-2014) को "समय का महत्व" (चर्चा मंच-1628) पर भी है।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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