रविवार, 17 अगस्त 2014

हे कृष्ण जन्मदिन की शुभकामनाऐं तुम्हें सब मना रहे हैं और जिसे देने तुम्हें सारे कंस मामा भी हमारे साथ ही आ रहे हैं

दो ही दिन हुऐ हैं 
जश्ने आजादी का मनाये हुऐ 
हे कृष्ण 

आज तेरा जन्म दिन 
मनाने का अवसर हम पा रहे हैं 
दिन भर का व्रत करने के बाद 
शाम होते होते दावत फलाहार की
तुझे भोग 
लगा कर खुद खा 
और बाकी को साथ में भी खिला पिला रहे हैं 

दादा दादी माँ पिताजी 
से बचपन में सुनी कहानियाँ
याद 
साथ साथ करते भी जा रहे हैं 

कितने मारे 
कितने तारे गिनती करने में 
आज भी याद नहीं आ पा रहे हैं 
सभी का हो चुका था संहार सुना था 
कुछ बचे थे शायद भले लोग 
कुछ गायें कुछ ग्वाले कुछ बाँसुरी की धुन और तानें 
आज भी सुन और सुना रहे हैं 

आज ही की 
बात नहीं है कृष्ण 
तेरे बारे में सुनते सुनते 
अब खुद अपने जाने के दिनों के 
बारे में भी कुछ सोचते जा रहे हैं 

नहीं हुई भेंट तुझसे 
कहीं घर में मंदिर में 
रास्ते में आदमी ही आदमी आते जाते भीड़ दर भीड़ 
हम खुद ही खोते जा रहे हैं 

कंस से लेकर 
शकुनि ही शकुनि 
घर से लेकर मंदिर तक में नजर आ रहे हैं 

गीता देकर गये थे 
तुम अपनी याद दिलाने के लिये 
पाप करने के बाद शपथ उसी पर आज 
हम हाथ रख कर खा रहे हैं खिला रहे हैं 

हैप्पी बर्थ डे कृष्ण जी 
कहने हमेशा हर साल 
याद कर लेना तुम भी सभी संहार किये गये 
उस समय के और इस समय के
हो चुके 
तुम्हारे भक्त गण 
मेरे साथ मेरे आस पास मिलकर
हरे कृष्ण हरे कृष्ण 
गाते गाते तालियाँ भी साथ में बजा रहे हैं ।   

22 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर और सटीक अभिव्यक्ति...

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  2. शुभकामनाएं कृष्ण जन्म की। बढ़िया लेखन के लिए बधाई टिप्पणियों के लिए शुक्र गुज़ार हूँ आपकी।

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  3. आपकी लिखी रचना मंगलवार 19 अगस्त 2014 को लिंक की जाएगी........
    http://nayi-purani-halchal.blogspot.in आप भी आइएगा ....धन्यवाद!

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  4. आज कंस और शकुनि बहुत हो चुके किस किस से मुक्ति देने आये ...बहुत बढ़िया सार्थक सामयिक चिंतन ..
    श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनायें!

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  5. उत्तर
    1. धन्यवाद कह रहा हूँ
      भार कम कर रहा हूँ
      आभार नहीं कह रहा हूँ :)

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  6. बहुत सुन्दर और भावुक अभिव्यक्ति

    जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाऐं ----
    सादर --

    कृष्ण ने कल मुझसे सपने में बात की -------

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  7. बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
    --
    आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल मंगलवार (19-08-2014) को "कृष्ण प्रतीक हैं...." (चर्चामंच - 1710) पर भी होगी।
    --
    श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  8. बहुत बढ़िया सर!

    जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ !


    सादर

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  9. कृष्ण ,यहाँ लोगों ने तुम्हें क्या से क्या बना डाला - राधा को गली की छम्मकछल्लो छोरी बना कर मनचलों को उसके पीछे लगा दिया -क्या करोगे तुम आ कर ? मत आना यहाँ !

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  10. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में" शनिवार 17 अगस्त 2024 को लिंक की जाएगी ....  http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !

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  11. व्यंग्यात्मक रचना जो बख़ूबी मन पे चोट कर रही है। समसामयिक।

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  12. कृष्ण जन्माष्टमी के लिए अग्रिम शुभकामनाएँ

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  13. वाह! बहुत खूब..सही कहा आपनें पापों पर पर्दा डालने के लिए गीता की ही कसमें खाई जाती ,झूठ को सत्य सिद्ध करनें के लिए गीता की ही कसमें खाई जाती है

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  14. बहुत सुन्दर रचना।
    कृष्ण जन्मोत्सव की अग्रिम शुभकामनाएं।

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