शनिवार, 25 मई 2019

खुजली कान के पीछे की और पंजा ‘उलूक’ की बेरोजगारी का


पहाड़ी
झबरीले 

कुछ काले
कुछ सफेद

कुछ
काले सफेद

कुछ मोटे कुछ भारी
कुछ लम्बे कुछ छोटे
कुत्तों के द्वारा
घेर कर ले जायी जा रही

कतारबद्ध
अनुशाशित
पालतू भेड़ों
का रेवड़

गरड़िये
की हाँक
के साथ

पथरीले
ऊबड़ खाबड़

ऊँचे नीचे
उतरते चढ़ते
छिटकते
फिर
वापस लौटते

मिमियाते
मेंमनों को
दूर से देखता

एक
आवारा जानवर

कोशिश
करता हुआ

समझने की

गुलामी
और आजादी
के बीच के अन्तर को

कोशिश करता हुआ 
समझने की

खुशी और गम
के बीच के
जश्न और
मातम को

घास के मैदानों के
फैलाव के
साथ सिमटते
पहाड़ों की
ऊँचाइयों के साथ

छोटी होती
सोच की लोच की
सीमा खत्म होते ही
ढलते सूरज के साथ

याद आते
शहर की गली के
आवारा साथियों
का झुँड

मुँह उठाये
दौड़ते
दिशाहीन
आवाजों में
मिलाते हुऐ
अपनी अपनी
आवाज

रात के
राज को
ललकारते हुऐ

और

इस
सब के बीच

जम्हाई लेता
पेड़ की ठूँठ पर
बैठा
‘उलूक’

सूँघता
महसूस
करता हुआ

तापमान

मौसम के
बदलते
मिजाज का

पंजे से
खुजलाता हुआ

यूँ ही
कान के पीछे के
अपने ही
किसी हिस्से को

बस कुछ
बेरोजगारी

दूर
कर लेने की
खातिर
जैसे।

चित्र साभार: www.kissanesheepfarm.com

15 टिप्‍पणियां:

  1. वाह! मानव मन की पीड़ा और ऊहापोह का शानदार चित्रण। समाज का स्वरुप चित्रित हुआ है।

    सादर प्रणाम सर।

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  2. एक बेहतरीन तंज
    अपने ही
    किसी हिस्से को

    बस कुछ
    बेरोजगारी

    दूर
    कर लेने की
    खातिर
    जैसे।
    सादर नमन..

    जवाब देंहटाएं
  3. वाह्ह्ह्ह... अति सराहनीय सृजन सर...
    सारगर्भित और गहन विश्लेषण।

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  4. हमेशा की तरह बेहतरीन..., कुछ भी न कह कर बहुत कुछ कहने का भाव । बहुत सुन्दर ।

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  5. आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल सोमवार (27-05-2019) को "खुजली कान के पीछे की" (चर्चा अंक- 3348) पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  6. अद्भुत विवेचन अंतर द्वन्द का।

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  7. आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन नमन आज़ादी के दीवाने वीर सावरकर को : ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है.... आपके सादर संज्ञान की प्रतीक्षा रहेगी..... आभार...

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  8. सुन्दर .. मन के द्वन्द को बखूबी शब्दों में पिरोया है आपने...

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  9. This is Very very nice article. Everyone should read. Thanks for sharing and I found it very helpful. Don't miss WORLD'S BEST CARGAMES

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