रविवार, 27 अक्तूबर 2019

शुभकामनाएं पर्व दीपावली पटाखे फुलझड़ी भी नहीं




कुछ
रोशनी
की
करनी हैं
बातें

और
कुछ भी
नहीं

दीवाली
अलग है
इस बार की

पहले
जैसे
अब नहीं

अंधेरा
अब
कहीं
होता
ही नहीं

जिक्र
करना
भी नहीं

उजाले
लिख दिये
जायें
बस

दीयों
की
जरूरत
ही नहीं

बोल
रोशनी हुऐ
लब दिये

तेल की
कुछ
कमी नहीं

सूरज
उतर आया
जमीं पर

मत
कह देना
नहीं नहीं

चाँद तारे
सभी पीछे
उसके

एक तेरा
कुछ
पता नहीं

आँख
बंद कर
अंधेरा
सोचने से

अब
कुछ होना नहीं

शुभकामनाएं
पर्व दीपावली

पटाखे
फुलझड़ी
भी नहीं

खाली जेब
सब
रोशनी से
लबालब भरी

‘उलूक’ 
हाँ हाँ
ही सही

नहीं नहीं

जरा
सा भी
ठीक नहीं।
चित्र साभार: http://www.clipartpanda.com

17 टिप्‍पणियां:

  1. दीपावली पर अब अँधेरा नहीं होत्ता, बल्कि अंधेर होता है. अब पटाखे नहीं फूटते, बल्कि सर फूटते हैं. और दिवाली की बात नहीं, दिवाले की बात होती है.

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  2. दीवाली मुबारक हो आदरणीय सुशील जी ,उलूक दर्शन कै रंग और
    निखरता रहे और आप सपरिवार सकुशल और सानंद रहें ,यही कामना और दुआ है💐💐🌷🌷💐💐💐

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  3. पूरे देशभर के दीए के आढ़तिया थोक बाजार तो सरयू किनारे सजा ही दिए गए थे और ... फुलझड़ी-पटाखे नहीं है तो अच्छा ही है बेचारे उल्लूओं को रात में दमघोंटू आतिशी धुएं से निजात तो मिलेगा ... बाक़ी सब तो "ठीके" है .. ठीक है !? ...

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  4. क्या ठीक क्या गलत ...
    यही तो द्वन्द है जो रहता है हर बार ... दिवाली भी अछूती कहाँ है ...
    बहुत बधाई आपको दीप पर्व की ...

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  5. आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज सोमवार 28 अक्टूबर 2019 को साझा की गई है......... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

    जवाब देंहटाएं
  6. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (29-10-2019) को     "भइया-दोयज पर्व"  (चर्चा अंक- 3503)   पर भी होगी। 
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    -- दीपावली के पंच पर्वों की शृंखला में गोवर्धनपूजा की
    हार्दिक शुभकामनाएँ और बधाई।  
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  7. वाह! अद्भुत। बिल्कुल भिन्न रचना।

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  8. बहुत खूब!
    सब चलता है, अपने-अपने ढंग से सबकी अपनी-अपनी दिवाली हो ही जाती है
    शुभ दीपावली!

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  9. दीपोत्सव की असंख्य शुभकामनाएं । लाजवाब रचना - - नमन सह।

    जवाब देंहटाएं

  10. खाली जेब
    सब
    रोशनी से
    लबालब भरी

    ‘उलूक’
    हाँ हाँ
    ही सही

    नहीं नहीं

    जरा
    सा भी
    ठीक नहीं।
    –बड़ी-बड़ी उलझनों से घिरी है जिन्दगी
    –दीपोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएँ

    जवाब देंहटाएं
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    University of Perpetual Help System Dalta (UPHSD), is a co-education Institution of higher learning located in Las Pinas City, Metro Manila, Philippines. founded in 1975 by Dr. (Brigadier) Antonio Tamayo, Dr. Daisy Tamayo, and Ernesto Crisostomo as Perpetual Help College of Rizal (PHCR). Las Pinas near Metro Manila is the main campus. It has nine campuses offering over 70 courses in 20 colleges.

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