शनिवार, 31 दिसंबर 2022

लम्हे

 


कुछ लम्हे मुट्ठी के अंदर
कुछ लम्हे मुट्ठी के बाहर
कुछ लम्हे बिछे सड़क में
कुछ लम्हे तो हो गए शायर


लम्हे लम्हे सिमटा जीवन
लम्हे लम्हे बिखरा जीवन
किसने पकड़े किसने जकड़े
लम्हे बहके लम्हे संभले
मन ही मन


लम्हे दर लम्हे पीड़ा
लम्हे दर लम्हे दुख
कर बस कर वंदन
लम्हे दर लम्हे खुशियां
लम्हे दर लम्हे चंदन
चन्दन


लम्हे चिढ़ के लम्हे गुस्सों के
लम्हे मार पीट के
गिन मधुबन
लम्हे चीर फाड़ के
लम्हे प्यार बाँट के
जोड़ घटा
शबनम शबनम


लम्हे के पीछे मन
लम्हे के आगे तन
लम्हों से बिखरा आँगन
लम्हे पाठक के
बस नव वर्ष का स्वागतम |

चित्र साभार: https://www.youtube.com/watch?v=iFHpIMzVO3Y

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16 टिप्‍पणियां:

  1. लम्हों से बुना यह जीवन
    लम्हों से बदलते परिदृश्य
    तिथियों के रूनझुन पाँव करते
    नववर्ष का स्वागतम्...।
    ----
    आने वाला हर लम्हा अति शुभ रहे सर
    बहुत सारी शुभकामनाएँ स्वीकार करें।
    प्रणाम सर
    सादर।

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  2. आपकी लिखी रचना सोमवार 2 जनवरी 2023 को
    पांच लिंकों का आनंद पर... साझा की गई है
    आप भी सादर आमंत्रित हैं।
    सादर
    धन्यवाद।

    संगीता स्वरूप

    जवाब देंहटाएं
  3. हर लम्हा खुशियों से भरा हो
    हर पल मंगलकारी हो

    अच्छी लगी रचना

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  4. वाक़ई लम्हों से बना है यह जीवन और कभी कभी एक लम्हे में बदल भी जाता है, सुंदर रचना!

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  5. कुछ लम्हे मुट्ठी के अन्दर, कुछ... बाहर.. लम्हों को रेशा रेशा जीती हुई बहुत कमाल कविता है.

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  6. लम्हे दर लम्हे पीड़ा
    लम्हे दर लम्हे दुख
    कर बस कर वंदन
    लम्हे दर लम्हे खुशियां
    लम्हे दर लम्हे चंदन
    चन्दन
    ..वक्त का कितना गूढ़ मर्म ।
    अर्थपूर्ण,सुंदर कविता ।
    नव वर्ष पर हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई।

    जवाब देंहटाएं
  7. लम्हे लम्हे सिमटा जीवन
    लम्हे लम्हे बिखरा जीवन
    किसने पकड़े किसने जकड़े
    लम्हे बहके लम्हे संभले
    मन ही मन
    लम्हें दर लम्हें बदलता जीवन ।
    अलग ही अंदाज में लाजवाब सृजन।
    नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं ।

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  8. लम्हा- लम्हा चलता है जीवन और लम्हा- लम्हा घटता है।लम्हे समय की इकाई है तो जीवन के सबसे बड़े साक्षी।हर बार की तरह एक शानदार प्रस्तुति सुशील जी।नववर्ष आपके लिये शुभ हो मंगलमय हो।हार्दिक शुभकामनाएं 🙏🙏🌺🌺🌹🌹

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  9. सुंदर कविता
    नव वर्ष पर हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई।

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  10. बहुत सुंदर !
    लम्हों की अदालत में यूं जीवन गुजर जाता है
    लम्हा ही अंत और लम्हा ही शुरुआत बन जाता है।
    एक लम्हा वर्ष का अंतिम लम्हा और दूसरा लम्हा वर्ष का प्रथम लम्हा।
    ये प्रथम लम्हा आगाज़ लम्हों तक खुशियों से भरे रहे।
    नव वर्ष मंगलमय रहे।

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  11. लम्हों लम्हों की कहानी को बखूबी नववर्ष के लंबे से जोड़ती रचना … आपको बहुत बधाई नववर्ष की ..

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  12. नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ एवं बधाई ।

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  13. नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई ll

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  14. कितने तरह के लम्हे गूंथ कर निर्माण होता है वर्षों का ,यही तो जीवन का ताना-बाना है .

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  15. निरंतर लम्हों की दास्ताँ कहती है रचना ... विहत और आगत के बीच उलझे कुछ लम्हे ...

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