गुरुवार, 11 अप्रैल 2024

इंतज़ार है है मर्यादा पुरुषोत्तम दिखेगा राम नाम सत्य ज़ुबानी ज़ुबानी

 

कुछ बिल्लियाँ बिल्ले की खरीदी 
कुछ बिल्लियाँ खिसियानी
कुछ करेंगी दीवाली 
कुछ नोचेंगी खम्बे याद करेंगी फिर नानी

शातिर बिल्ला लगा हुआ है 
बाँट रहा है जगह जगह चूहेदानी
सभा कर रहा चूहों की 
जा जा कर बिलों में उनके अभिमानी

अब तो लिख दे लिखने वाले कविता उसपर 
ओ उसकी दीवानी
हम भी लिखेंगे कुछ ना कुछ 
कलम पकड़ कर क्यों है छुपानी

जग जाहिर है बिल्ला नहीं पकड़ रहा है चूहे 
चूहे करते हैं बेइमानी
लगी हुई है खरीदी बिल्लियों की फ़ौज 
कर रही है अपनी मनमानी

शब्द कई हैं बिल्ले पर कहने 
एक नहीं सारे हैं गालियों में नहीं गिनानी
खड़े हो जायेंगे सारे सफेदपोश फर्जी 
समझायेंगे कोर्ट कचहरी दीवानी

‘उलूक’ लिख आईना-ए-लेखक 
देख सकें लिखने वाले सच की कहानी
इंतज़ार है 
है मर्यादा पुरुषोत्तम 
दिखेगा राम नाम सत्य ज़ुबानी ज़ुबानी |

चित्र साभार: https://www.yourquote.in/

6 टिप्‍पणियां:

  1. राम नाम सत्य है।
    विषबुझी क़लम की नोंक बेअसर नहीं हो सकती।
    विचारोत्तेजक अभिव्यक्ति सर।
    प्रणाम सर
    सादर।
    -----
    जी नमस्ते,
    आपकी लिखी रचना शुक्रवार १२ अप्रैल २०२४ के लिए साझा की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं।
    सादर
    धन्यवाद।

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  2. अब तो लिख दे लिखने वाले कविता उसपर
    ओ उसकी दीवानी
    हम भी लिखेंगे कुछ ना कुछ
    कलम पकड़ कर क्यों है छुपानी
    बेहतरीन रचना 🙏

    जवाब देंहटाएं
  3. ब‍िल्ले और चूहे की इस धमाचौकड़ी में हम अपना पता खोज रहे हैं जोशी जी

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  4. खड़े हो जायेंगे सारे सफेदपोश फर्जी
    समझायेंगे कोर्ट कचहरी दीवानी

    -लोकतंत्र की सच्ची कहानी

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