उलूक टाइम्स

"बर्बाद गुलिस्ताँ करने को बस एक ही उल्लू काफ़ी था हर शाख़ पे उल्लू बैठा है अंजाम-ए-गुलिस्ताँ क्या होगा " :- शौक़ बहराइची

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मंगलवार, 1 नवंबर 2016

मुठभेड़ प्रश्नों की जवाब हो जाये कोई कुछ पूछ भी ना पाये

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छोटे छोटे अपने आस पास के उलझे प्रश्नों से उलझते उलझते हमेशा उलझ जाने वाले को सुलझने सुलझाने के सपने देख लेने की आदत डाल लेनी ही चाहिये बड़...
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शुक्रवार, 22 जनवरी 2016

‘रोहित’

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सारे के सारे सब कुछ कह चुके गणित लगा कर जोड़ घटाना गुणा भाग कर अपने अपने लिये अपने अपने हिसाब से बना चुके खाते खतौनी तेरी मौत के पर दुख: ह...
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सुशील कुमार जोशी
Almora, Uttarakhand, India
ना कविता लिखता हूँ ना कोई छंद लिखता हूँ अपने आसपास पड़े हुऎ कुछ टाट पै पैबंद लिखता हूँ ना कवि हूँ ना लेखक हूँ ना अखबार हूँ ना ही कोई समाचार हूँ जो हो घट रहा होता है मेरे आस पास हर समय उस खबर की बक बक यहाँ पर देने को तैयार हूँ ।
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