उलूक टाइम्स

"बर्बाद गुलिस्ताँ करने को बस एक ही उल्लू काफ़ी था हर शाख़ पे उल्लू बैठा है अंजाम-ए-गुलिस्ताँ क्या होगा " :- शौक़ बहराइची

उगलना निगलना लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
उगलना निगलना लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
सोमवार, 31 अक्टूबर 2022

कुछ रखना कुछ बकना ना कहे कोई घड़ा चिकना हो गया

›
उगलते उगलते उगलना निगलना हो गया बहकते बहकते बहकना संभलना हो गया आज का कल  में  कल का परसों  में  बदलना हो गया फिसलना दिन और रात का  महीना नि...
15 टिप्‍पणियां:
›
मुख्यपृष्ठ
वेब वर्शन देखें
मेरी फ़ोटो
सुशील कुमार जोशी
Almora, Uttarakhand, India
ना कविता लिखता हूँ ना कोई छंद लिखता हूँ अपने आसपास पड़े हुऎ कुछ टाट पै पैबंद लिखता हूँ ना कवि हूँ ना लेखक हूँ ना अखबार हूँ ना ही कोई समाचार हूँ जो हो घट रहा होता है मेरे आस पास हर समय उस खबर की बक बक यहाँ पर देने को तैयार हूँ ।
मेरा पूरा प्रोफ़ाइल देखें
Blogger द्वारा संचालित.