उलूक टाइम्स

"बर्बाद गुलिस्ताँ करने को बस एक ही उल्लू काफ़ी था हर शाख़ पे उल्लू बैठा है अंजाम-ए-गुलिस्ताँ क्या होगा " :- शौक़ बहराइची

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रविवार, 24 अक्टूबर 2021

ग़ाँधी को लगी गोली को आज सलाम मिल रहा है

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  सब कुछ ठीक है बस कुछ बुलबुले हैं कुछ भी कहीं नहीं उबल रहा है सूरज सुबह और चाँद शाम को ही हमेशा की तरह निकल रहा है सब खुश हैं सब ही मौज में...
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बुधवार, 23 सितंबर 2009

करवट

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अचानक उन टूटी खिड़कियों का उतरा रंग  चमकने लगा  शायद जिंदगी ने अंगड़ाई ली शमशान की खामोशी नहीं शहनाईयां बज रही हैं आज फिर से आबाद होने क...
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सुशील कुमार जोशी
Almora, Uttarakhand, India
ना कविता लिखता हूँ ना कोई छंद लिखता हूँ अपने आसपास पड़े हुऎ कुछ टाट पै पैबंद लिखता हूँ ना कवि हूँ ना लेखक हूँ ना अखबार हूँ ना ही कोई समाचार हूँ जो हो घट रहा होता है मेरे आस पास हर समय उस खबर की बक बक यहाँ पर देने को तैयार हूँ ।
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