उलूक टाइम्स

"बर्बाद गुलिस्ताँ करने को बस एक ही उल्लू काफ़ी था हर शाख़ पे उल्लू बैठा है अंजाम-ए-गुलिस्ताँ क्या होगा " :- शौक़ बहराइची

कीड़े लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
कीड़े लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
बुधवार, 26 अप्रैल 2017

लाश कीड़े और चूहों की दौड़

›
एक सड़ रही लाश को ठिकाने लगा रहे कीड़ों में कुछ कीड़े ऐसे भी होते हैं जो लाश के बारे में सोचना शुरु कर देते हैं लाश को दर्द नहीं होता है साल...
1 टिप्पणी:
›
मुख्यपृष्ठ
वेब वर्शन देखें
मेरी फ़ोटो
सुशील कुमार जोशी
Almora, Uttarakhand, India
ना कविता लिखता हूँ ना कोई छंद लिखता हूँ अपने आसपास पड़े हुऎ कुछ टाट पै पैबंद लिखता हूँ ना कवि हूँ ना लेखक हूँ ना अखबार हूँ ना ही कोई समाचार हूँ जो हो घट रहा होता है मेरे आस पास हर समय उस खबर की बक बक यहाँ पर देने को तैयार हूँ ।
मेरा पूरा प्रोफ़ाइल देखें
Blogger द्वारा संचालित.