उलूक टाइम्स

"बर्बाद गुलिस्ताँ करने को बस एक ही उल्लू काफ़ी था हर शाख़ पे उल्लू बैठा है अंजाम-ए-गुलिस्ताँ क्या होगा " :- शौक़ बहराइची

कूड़ा लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
कूड़ा लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
सोमवार, 2 सितंबर 2013

कभी कुछ अच्छा सुनाई दे तो अच्छा कहा जाये

›
सुन  कब तक शरम का लबादा ओढे़ तू रहेगा बाप दादा के जमाने की सोच कब जाकर के तू कहीं छोडे़गा हमाम में भी कपडे़ पहन कर चला आता है तरस आता है तेर...
13 टिप्‍पणियां:
गुरुवार, 26 जुलाई 2012

250 वीं पोस्ट

›
बात बात पर  कूड़ा  फैलाने की फिर उसको कहीं पर ला कर सजाने की आदत बचपन से थी बचपन में समझ में जितना आता था उससे ज्यादा का कूड़ा   ...
10 टिप्‍पणियां:
›
मुख्यपृष्ठ
वेब वर्शन देखें
मेरी फ़ोटो
सुशील कुमार जोशी
Almora, Uttarakhand, India
ना कविता लिखता हूँ ना कोई छंद लिखता हूँ अपने आसपास पड़े हुऎ कुछ टाट पै पैबंद लिखता हूँ ना कवि हूँ ना लेखक हूँ ना अखबार हूँ ना ही कोई समाचार हूँ जो हो घट रहा होता है मेरे आस पास हर समय उस खबर की बक बक यहाँ पर देने को तैयार हूँ ।
मेरा पूरा प्रोफ़ाइल देखें
Blogger द्वारा संचालित.