उलूक टाइम्स

"बर्बाद गुलिस्ताँ करने को बस एक ही उल्लू काफ़ी था हर शाख़ पे उल्लू बैठा है अंजाम-ए-गुलिस्ताँ क्या होगा " :- शौक़ बहराइची

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सोमवार, 11 जून 2018

जरूरी है फटी रजाई का घर के अन्दर ही रहना खोल सफेद झक्क बस दिखाते चलें धूप में सूखते हुऐ करीने से लगे लाईन में

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खोल जरूरी है साफ सफेद झक्क फटी हुई रजाई को ढकने के लिये सारे सफेद खोल लटके हुऐ करीने से चमचमाती धूप में  सूखते हुऐ खुशनसीब खुशफहमी की र...
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सुशील कुमार जोशी
Almora, Uttarakhand, India
ना कविता लिखता हूँ ना कोई छंद लिखता हूँ अपने आसपास पड़े हुऎ कुछ टाट पै पैबंद लिखता हूँ ना कवि हूँ ना लेखक हूँ ना अखबार हूँ ना ही कोई समाचार हूँ जो हो घट रहा होता है मेरे आस पास हर समय उस खबर की बक बक यहाँ पर देने को तैयार हूँ ।
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