उलूक टाइम्स

"बर्बाद गुलिस्ताँ करने को बस एक ही उल्लू काफ़ी था हर शाख़ पे उल्लू बैठा है अंजाम-ए-गुलिस्ताँ क्या होगा " :- शौक़ बहराइची

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गुरुवार, 7 मई 2015

रोज होता है होता चला आ रहा है बस मतलब रोज का रोज बदलता चला जाता है

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अर्जुन और कृष्ण के बीच का वार्तालाप अभी भी होता है उसी तरह जैसा हुआ करता था तब जब अर्जुन और कृष्ण थे युद्ध के मैदान के बीच में जो नहीं हो...
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सुशील कुमार जोशी
Almora, Uttarakhand, India
ना कविता लिखता हूँ ना कोई छंद लिखता हूँ अपने आसपास पड़े हुऎ कुछ टाट पै पैबंद लिखता हूँ ना कवि हूँ ना लेखक हूँ ना अखबार हूँ ना ही कोई समाचार हूँ जो हो घट रहा होता है मेरे आस पास हर समय उस खबर की बक बक यहाँ पर देने को तैयार हूँ ।
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