उलूक टाइम्स

"बर्बाद गुलिस्ताँ करने को बस एक ही उल्लू काफ़ी था हर शाख़ पे उल्लू बैठा है अंजाम-ए-गुलिस्ताँ क्या होगा " :- शौक़ बहराइची

गोलियां लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
गोलियां लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
सोमवार, 11 अगस्त 2014

किसलिये कोई लिखने लिखाने की दवा का बाजार चुनता है

›
कौन है जो नहीं लिखता है बस उसका लिखा कुछ अलग सा इसका लिखा कुछ अलग सा ही तो दिखता है वैसे लिखने लिखाने की बातें पढ़ा लिखा ही करता है वो गुल...
16 टिप्‍पणियां:
›
मुख्यपृष्ठ
वेब वर्शन देखें
मेरी फ़ोटो
सुशील कुमार जोशी
Almora, Uttarakhand, India
ना कविता लिखता हूँ ना कोई छंद लिखता हूँ अपने आसपास पड़े हुऎ कुछ टाट पै पैबंद लिखता हूँ ना कवि हूँ ना लेखक हूँ ना अखबार हूँ ना ही कोई समाचार हूँ जो हो घट रहा होता है मेरे आस पास हर समय उस खबर की बक बक यहाँ पर देने को तैयार हूँ ।
मेरा पूरा प्रोफ़ाइल देखें
Blogger द्वारा संचालित.