उलूक टाइम्स

"बर्बाद गुलिस्ताँ करने को बस एक ही उल्लू काफ़ी था हर शाख़ पे उल्लू बैठा है अंजाम-ए-गुलिस्ताँ क्या होगा " :- शौक़ बहराइची

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बुधवार, 7 मई 2014

सच्चाई लिखने का ही बस कोई कायदा कानून नहीं होता है

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दिल ने कहा गिन अरे कुछ तो गिन गिनती भूल गये पता नहीं क्यों इसी बार बस दिन गिने ही नहीं गये बहुत देर में पहुँचे आँखिरकार आया बटन द...
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शुक्रवार, 28 फ़रवरी 2014

एक बहादुर को एक कायर भी कभी सलामी देता है

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बेशरमों के कर्मों को अपने सिर पर ले लेता है एक जाँबाज के दिल में ही ऐसा कोई जज्बा होता है सोच में ऐसा करने की सोच का कीड़ा वैसे तो बहुत बहु...
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सुशील कुमार जोशी
Almora, Uttarakhand, India
ना कविता लिखता हूँ ना कोई छंद लिखता हूँ अपने आसपास पड़े हुऎ कुछ टाट पै पैबंद लिखता हूँ ना कवि हूँ ना लेखक हूँ ना अखबार हूँ ना ही कोई समाचार हूँ जो हो घट रहा होता है मेरे आस पास हर समय उस खबर की बक बक यहाँ पर देने को तैयार हूँ ।
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