उलूक टाइम्स

"बर्बाद गुलिस्ताँ करने को बस एक ही उल्लू काफ़ी था हर शाख़ पे उल्लू बैठा है अंजाम-ए-गुलिस्ताँ क्या होगा " :- शौक़ बहराइची

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गुरुवार, 14 नवंबर 2013

मत कह बैठना कहानी में आज मोड़ है आ रहा

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मकड़ी के जाले में फंसी फड़फड़ाती एक मक्खी छिपकली के मुँह से लटकता कॉकरोच हिलते डुलते कटे फटे केंचुऐ खाने के लिये लटके छिले हुऐ सांप और मेंढ...
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सुशील कुमार जोशी
Almora, Uttarakhand, India
ना कविता लिखता हूँ ना कोई छंद लिखता हूँ अपने आसपास पड़े हुऎ कुछ टाट पै पैबंद लिखता हूँ ना कवि हूँ ना लेखक हूँ ना अखबार हूँ ना ही कोई समाचार हूँ जो हो घट रहा होता है मेरे आस पास हर समय उस खबर की बक बक यहाँ पर देने को तैयार हूँ ।
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