उलूक टाइम्स

"बर्बाद गुलिस्ताँ करने को बस एक ही उल्लू काफ़ी था हर शाख़ पे उल्लू बैठा है अंजाम-ए-गुलिस्ताँ क्या होगा " :- शौक़ बहराइची

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गुरुवार, 27 अगस्त 2015

ठंड रखना सीखना अच्छा होता है वो जो भी कहता है भले के लिये ही कह रहा होता है

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अब सभी कुछ हमेशा खराब और गंदा नहीं होता है सोच कर देखना चाहिये फूल कमल को देख कर इतना तो कम से कम गंदे कीचड़ में भी मुस्कुराता हुआ हमेशा ...
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सुशील कुमार जोशी
Almora, Uttarakhand, India
ना कविता लिखता हूँ ना कोई छंद लिखता हूँ अपने आसपास पड़े हुऎ कुछ टाट पै पैबंद लिखता हूँ ना कवि हूँ ना लेखक हूँ ना अखबार हूँ ना ही कोई समाचार हूँ जो हो घट रहा होता है मेरे आस पास हर समय उस खबर की बक बक यहाँ पर देने को तैयार हूँ ।
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