उलूक टाइम्स

"बर्बाद गुलिस्ताँ करने को बस एक ही उल्लू काफ़ी था हर शाख़ पे उल्लू बैठा है अंजाम-ए-गुलिस्ताँ क्या होगा " :- शौक़ बहराइची

डिजिटल लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
डिजिटल लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
शुक्रवार, 2 अक्टूबर 2015

जन्म दिन अभी तक तो तेरा ही हो रहा है आज के दिन कौन जाने कब तक

›
कुछ देर के लिये याद आया तिरंगा उससे अलग कहीं दिखी तस्वीर संत की माने बदल गये यहाँ तक आते आते उसके भी इसके भी एक डिजिटल हो गया दूसरे की या...
6 टिप्‍पणियां:
›
मुख्यपृष्ठ
वेब वर्शन देखें
मेरी फ़ोटो
सुशील कुमार जोशी
Almora, Uttarakhand, India
ना कविता लिखता हूँ ना कोई छंद लिखता हूँ अपने आसपास पड़े हुऎ कुछ टाट पै पैबंद लिखता हूँ ना कवि हूँ ना लेखक हूँ ना अखबार हूँ ना ही कोई समाचार हूँ जो हो घट रहा होता है मेरे आस पास हर समय उस खबर की बक बक यहाँ पर देने को तैयार हूँ ।
मेरा पूरा प्रोफ़ाइल देखें
Blogger द्वारा संचालित.