उलूक टाइम्स

"बर्बाद गुलिस्ताँ करने को बस एक ही उल्लू काफ़ी था हर शाख़ पे उल्लू बैठा है अंजाम-ए-गुलिस्ताँ क्या होगा " :- शौक़ बहराइची

तीन महीने लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
तीन महीने लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
शनिवार, 6 जुलाई 2013

पता नहीं चलता, चलता भी तो क्या होता ?

›
पता ही कहाँ चल पाता है जब कोई भगवान अल्लाह या मसीहा हो जाता है पता ही कहाँ चलता है जब आदमी होना बेमानी हो जाता है पता ही कहाँ चलता है जब सब...
5 टिप्‍पणियां:
›
मुख्यपृष्ठ
वेब वर्शन देखें
मेरी फ़ोटो
सुशील कुमार जोशी
Almora, Uttarakhand, India
ना कविता लिखता हूँ ना कोई छंद लिखता हूँ अपने आसपास पड़े हुऎ कुछ टाट पै पैबंद लिखता हूँ ना कवि हूँ ना लेखक हूँ ना अखबार हूँ ना ही कोई समाचार हूँ जो हो घट रहा होता है मेरे आस पास हर समय उस खबर की बक बक यहाँ पर देने को तैयार हूँ ।
मेरा पूरा प्रोफ़ाइल देखें
Blogger द्वारा संचालित.