उलूक टाइम्स

"बर्बाद गुलिस्ताँ करने को बस एक ही उल्लू काफ़ी था हर शाख़ पे उल्लू बैठा है अंजाम-ए-गुलिस्ताँ क्या होगा " :- शौक़ बहराइची

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गुरुवार, 12 जनवरी 2017

ताजी खबर है देश के एन जी ओ ऑडिट नहीं करवाते हैं

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चोर सिपाही खेल खेलते खेलते समझ में आना शुरु हो जाते हैं चोर भी सिपाही भी थाना और कोतवाल भी समझ में आ जाना और समझ में आ जाने का भ्रम हो जा...
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रविवार, 14 दिसंबर 2014

क्या किया जाता है जब सत्य कथाओं की राम नाम हो रही होती है

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ज्यादातर कही जाने वाली कथायें सत्य कथायें ही होती हैं जिंदगी पता नहीं चल पाता है कब एक बच्चे से होते होते जवाँ होती है समझ में आने के लिय...
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सुशील कुमार जोशी
Almora, Uttarakhand, India
ना कविता लिखता हूँ ना कोई छंद लिखता हूँ अपने आसपास पड़े हुऎ कुछ टाट पै पैबंद लिखता हूँ ना कवि हूँ ना लेखक हूँ ना अखबार हूँ ना ही कोई समाचार हूँ जो हो घट रहा होता है मेरे आस पास हर समय उस खबर की बक बक यहाँ पर देने को तैयार हूँ ।
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