उलूक टाइम्स

"बर्बाद गुलिस्ताँ करने को बस एक ही उल्लू काफ़ी था हर शाख़ पे उल्लू बैठा है अंजाम-ए-गुलिस्ताँ क्या होगा " :- शौक़ बहराइची

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मंगलवार, 6 मई 2014

जिसको काम आता है उसको ही दिया जाता है

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अपनी प्रकृति के हिसाब से हर किसी को अपने लिये काम ढूँढ लेना बहुत अच्छी तरह आता है एक कबूतर होने से क्या होता है चालाक हो अगर कौओं को सिखाने...
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मंगलवार, 20 मार्च 2012

सौदा

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अगले पाँच वर्षों की लूट का खाका लगभग तैयार हो गया है एक खेमें को आधा हिस्सा देने के लिये दूसरा खेमा पूरे से आधा बाहर हो गया है छोटा घर बनवा...
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सुशील कुमार जोशी
Almora, Uttarakhand, India
ना कविता लिखता हूँ ना कोई छंद लिखता हूँ अपने आसपास पड़े हुऎ कुछ टाट पै पैबंद लिखता हूँ ना कवि हूँ ना लेखक हूँ ना अखबार हूँ ना ही कोई समाचार हूँ जो हो घट रहा होता है मेरे आस पास हर समय उस खबर की बक बक यहाँ पर देने को तैयार हूँ ।
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