उलूक टाइम्स

"बर्बाद गुलिस्ताँ करने को बस एक ही उल्लू काफ़ी था हर शाख़ पे उल्लू बैठा है अंजाम-ए-गुलिस्ताँ क्या होगा " :- शौक़ बहराइची

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बुधवार, 10 जनवरी 2018

क्या लिखना है इस पर कुछ नहीं कहा गया है हिन्दी सीखिये रोज कुछ लिखिये गुरु जी ने वर्षों पहले एक मन्त्र दिया है

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वृन्द के दोहे ‘करत करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान’ के याद आते ही याद आने शुरु हो जाते हैं हिन्दी के मास्टर साहब श्यामपट चौक हिन्दी की कक...
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बुधवार, 18 अप्रैल 2012

छ से छन्द

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कविता सविता तो तब लिखता अगर गलती से भी कवि होता मैं सिर्फ बातें बनाना जानता हूँ छंद चौपाई दोहे नहीं पहचानता हूँ रोज दिखते हैं यहां कई उधार ...
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सुशील कुमार जोशी
Almora, Uttarakhand, India
ना कविता लिखता हूँ ना कोई छंद लिखता हूँ अपने आसपास पड़े हुऎ कुछ टाट पै पैबंद लिखता हूँ ना कवि हूँ ना लेखक हूँ ना अखबार हूँ ना ही कोई समाचार हूँ जो हो घट रहा होता है मेरे आस पास हर समय उस खबर की बक बक यहाँ पर देने को तैयार हूँ ।
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