उलूक टाइम्स

"बर्बाद गुलिस्ताँ करने को बस एक ही उल्लू काफ़ी था हर शाख़ पे उल्लू बैठा है अंजाम-ए-गुलिस्ताँ क्या होगा " :- शौक़ बहराइची

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गुरुवार, 6 अगस्त 2015

ऊपर वाले ऊपर ही रहना नीचे नहीं आना

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हे ऊपर वाले तू ऊपर ही रहना गलती से भी भूल कर कभी सशरीर नीचे मत चले आना सर घूम जाता है समझ में नहीं आ पाता है जब तेरे झंडों और नारों के सा...
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सोमवार, 22 सितंबर 2014

सब कुछ नीचे का ही क्यों कहा जाये जब कभी ऊपर का भी होना होता है

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ऊपर पहुँचने पर अब ऊपर कहने पर पूछ मत बैठना कौन सा ऊपर वही ऊपर जहाँ से ऊपर सुना है कुछ भी नहीं होता है बचा कुचा बाकी जो भी होता है सब उस ऊ...
13 टिप्‍पणियां:
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सुशील कुमार जोशी
Almora, Uttarakhand, India
ना कविता लिखता हूँ ना कोई छंद लिखता हूँ अपने आसपास पड़े हुऎ कुछ टाट पै पैबंद लिखता हूँ ना कवि हूँ ना लेखक हूँ ना अखबार हूँ ना ही कोई समाचार हूँ जो हो घट रहा होता है मेरे आस पास हर समय उस खबर की बक बक यहाँ पर देने को तैयार हूँ ।
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