उलूक टाइम्स

"बर्बाद गुलिस्ताँ करने को बस एक ही उल्लू काफ़ी था हर शाख़ पे उल्लू बैठा है अंजाम-ए-गुलिस्ताँ क्या होगा " :- शौक़ बहराइची

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गुरुवार, 1 जनवरी 2015

नया साल कुछ नये सवाल पुराने साल रखे अपने पास पुराने सवाल

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शायद कोई चमत्कार होगा और जरूर होगा पहले कभी नहीं हुआ तो क्या होता है इस बार होगा पक्का होगा असरदार होगा हो सकता है दो या तीन बार होगा हमे...
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सुशील कुमार जोशी
Almora, Uttarakhand, India
ना कविता लिखता हूँ ना कोई छंद लिखता हूँ अपने आसपास पड़े हुऎ कुछ टाट पै पैबंद लिखता हूँ ना कवि हूँ ना लेखक हूँ ना अखबार हूँ ना ही कोई समाचार हूँ जो हो घट रहा होता है मेरे आस पास हर समय उस खबर की बक बक यहाँ पर देने को तैयार हूँ ।
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