उलूक टाइम्स

"बर्बाद गुलिस्ताँ करने को बस एक ही उल्लू काफ़ी था हर शाख़ पे उल्लू बैठा है अंजाम-ए-गुलिस्ताँ क्या होगा " :- शौक़ बहराइची

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सोमवार, 14 अक्टूबर 2013

राम का नहीं पता रावण को जिंदा रखना चाहते हैं

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हर साल ही तो हम बुराई पर अच्छाई की विजय का पर्व मनाते हैं ऐक दिन के खेल के लिये तेरा ही नहीं तेरे पूरे खानदान के पुतले हम बनाते हैं साल दर...
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सुशील कुमार जोशी
Almora, Uttarakhand, India
ना कविता लिखता हूँ ना कोई छंद लिखता हूँ अपने आसपास पड़े हुऎ कुछ टाट पै पैबंद लिखता हूँ ना कवि हूँ ना लेखक हूँ ना अखबार हूँ ना ही कोई समाचार हूँ जो हो घट रहा होता है मेरे आस पास हर समय उस खबर की बक बक यहाँ पर देने को तैयार हूँ ।
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