उलूक टाइम्स

"बर्बाद गुलिस्ताँ करने को बस एक ही उल्लू काफ़ी था हर शाख़ पे उल्लू बैठा है अंजाम-ए-गुलिस्ताँ क्या होगा " :- शौक़ बहराइची

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बुधवार, 18 मई 2016

राजशाही से लोकतंत्र तक लोकतांत्रिक कुत्ते और उसकी कटी पूँछ की दास्तान

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राजा राजपाट प्रजा शाह शहंशाह कहानियाँ एक नहीं हैं कई कई हैं किताबों में हैं पोथियों में हैं पुस्तकालयों में हैं विद्यालयों में हैं कोने ...
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सोमवार, 21 नवंबर 2011

राजा लोग

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कुछ साल पहले ही की बात है हर शाखा का होता था एक राजा प्रजा भी होती थी चैन से सोती थी खुशहाली ना सही बिकवाली तो नहीं होती थी राजा आज भी हुवा...
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सुशील कुमार जोशी
Almora, Uttarakhand, India
ना कविता लिखता हूँ ना कोई छंद लिखता हूँ अपने आसपास पड़े हुऎ कुछ टाट पै पैबंद लिखता हूँ ना कवि हूँ ना लेखक हूँ ना अखबार हूँ ना ही कोई समाचार हूँ जो हो घट रहा होता है मेरे आस पास हर समय उस खबर की बक बक यहाँ पर देने को तैयार हूँ ।
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