उलूक टाइम्स

"बर्बाद गुलिस्ताँ करने को बस एक ही उल्लू काफ़ी था हर शाख़ पे उल्लू बैठा है अंजाम-ए-गुलिस्ताँ क्या होगा " :- शौक़ बहराइची

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शनिवार, 16 मई 2015

बात होती है तभी बात पर बात की जाती है

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धन्यवाद आभार एक नहीं कई कई बार बात करने से ही कुछ आप के बात बन पाती है सरकार अटल सत्य है बात होने पर ही तो कोई बात बना पाता है बिना बात क...
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शनिवार, 21 अप्रैल 2012

फूलों की बातें

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बातों बातों में एक बात निकल कर आती है फूलों की उपस्थिति तो सुकून देती ही है फूलों की बातें भी सबको लुभाती हैं पौपी की कली अफीम बनवाती है बे...
1 टिप्पणी:
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सुशील कुमार जोशी
Almora, Uttarakhand, India
ना कविता लिखता हूँ ना कोई छंद लिखता हूँ अपने आसपास पड़े हुऎ कुछ टाट पै पैबंद लिखता हूँ ना कवि हूँ ना लेखक हूँ ना अखबार हूँ ना ही कोई समाचार हूँ जो हो घट रहा होता है मेरे आस पास हर समय उस खबर की बक बक यहाँ पर देने को तैयार हूँ ।
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