उलूक टाइम्स

"बर्बाद गुलिस्ताँ करने को बस एक ही उल्लू काफ़ी था हर शाख़ पे उल्लू बैठा है अंजाम-ए-गुलिस्ताँ क्या होगा " :- शौक़ बहराइची

बुरे लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
बुरे लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
रविवार, 23 अगस्त 2015

कहते कहते ही कैसे होते हैं कभी थोड़ी देर से भी होते हैं

›
तुम तो पीछे ही पड़ गये दिनों के  दिन तो दिन होते हैं  अच्छे और बुरे नहीं होते हैं  अच्छी और बुरी तो सोच होती है  उसी में कुछ ना कुछ  कहीं ...
7 टिप्‍पणियां:
शुक्रवार, 13 जनवरी 2012

उलूक उवाच अथ चुनाव कथा

›
दूरदृष्टि पक्के इरादे के साथ संभाली है कमान एक अच्छे आदमी के चुनाव की कुछ बुरे  लोगों की फौज ने अच्छे के कंधे अभी मजबूत किये ...
2 टिप्‍पणियां:
›
मुख्यपृष्ठ
वेब वर्शन देखें
मेरी फ़ोटो
सुशील कुमार जोशी
Almora, Uttarakhand, India
ना कविता लिखता हूँ ना कोई छंद लिखता हूँ अपने आसपास पड़े हुऎ कुछ टाट पै पैबंद लिखता हूँ ना कवि हूँ ना लेखक हूँ ना अखबार हूँ ना ही कोई समाचार हूँ जो हो घट रहा होता है मेरे आस पास हर समय उस खबर की बक बक यहाँ पर देने को तैयार हूँ ।
मेरा पूरा प्रोफ़ाइल देखें
Blogger द्वारा संचालित.