उलूक टाइम्स

"बर्बाद गुलिस्ताँ करने को बस एक ही उल्लू काफ़ी था हर शाख़ पे उल्लू बैठा है अंजाम-ए-गुलिस्ताँ क्या होगा " :- शौक़ बहराइची

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बुधवार, 3 मार्च 2021

बकवास बिना कर लगे है करिये कोई नहीं है जो कहे सब पैमाने में है

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  सालों हो गये कुछ लिख लेने की चाह में कुछ लिखते लिखते पहुँच गये आज इस राह में शेरो शायरी खतो किताबत पता नहीं क्या क्या सुना गया लिखा गया या...
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गुरुवार, 28 जून 2012

दीवाने/बेगाने

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चाँद सोचना चाँदनी खोदना तारों की सवारी फूलों पर लोटना तितलियों को देख खुश हो जाना मोरनियाँ पास आयें मोर हो जाना पंख फैलाना नाच दिखाना आँखे...
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सुशील कुमार जोशी
Almora, Uttarakhand, India
ना कविता लिखता हूँ ना कोई छंद लिखता हूँ अपने आसपास पड़े हुऎ कुछ टाट पै पैबंद लिखता हूँ ना कवि हूँ ना लेखक हूँ ना अखबार हूँ ना ही कोई समाचार हूँ जो हो घट रहा होता है मेरे आस पास हर समय उस खबर की बक बक यहाँ पर देने को तैयार हूँ ।
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