उलूक टाइम्स

"बर्बाद गुलिस्ताँ करने को बस एक ही उल्लू काफ़ी था हर शाख़ पे उल्लू बैठा है अंजाम-ए-गुलिस्ताँ क्या होगा " :- शौक़ बहराइची

बेतरतीब लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
बेतरतीब लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
शनिवार, 1 जून 2019

बकवास अपनी कह कह कर किसी और को कुछ कहने नहीं देते हैं

›
बहुत कुछ है  लिखने के लिये  बिखरा हुआ  समेटना  ठीक नहीं  इस समय रहने देते हैं होना  कुछ नहीं है  हिसाब का  बेतरतीब  ला कर ...
21 टिप्‍पणियां:
रविवार, 19 नवंबर 2017

अजीब से काम जब नजीर हो रहे होते हैं

›
पीछे लौटते हैं लिखने वाले लिखते लिखते कई बार पुराने लिखे लिखाये की कतरनों में चिपके शब्दों की खुरचनों के लोग मुरीद हो रहे होते हैं चल द...
1 टिप्पणी:
›
मुख्यपृष्ठ
वेब वर्शन देखें
मेरी फ़ोटो
सुशील कुमार जोशी
Almora, Uttarakhand, India
ना कविता लिखता हूँ ना कोई छंद लिखता हूँ अपने आसपास पड़े हुऎ कुछ टाट पै पैबंद लिखता हूँ ना कवि हूँ ना लेखक हूँ ना अखबार हूँ ना ही कोई समाचार हूँ जो हो घट रहा होता है मेरे आस पास हर समय उस खबर की बक बक यहाँ पर देने को तैयार हूँ ।
मेरा पूरा प्रोफ़ाइल देखें
Blogger द्वारा संचालित.