उलूक टाइम्स

"बर्बाद गुलिस्ताँ करने को बस एक ही उल्लू काफ़ी था हर शाख़ पे उल्लू बैठा है अंजाम-ए-गुलिस्ताँ क्या होगा " :- शौक़ बहराइची

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गुरुवार, 31 जनवरी 2013

कलियुगी गांंधियों का कारनामा बापू तू ना घबराना

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टाँग अढ़ाना  अब छोड़ दे  पूरा का पूरा  आदमी अढ़ा खुद नहीं कर  सकता है अगर  किसी एक को  मोहरा तू बना मोहरा हाथी  घोड़ा या ऊँट  में से कोई भी  ...
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गुरुवार, 12 जनवरी 2012

मतदान दूर है

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शतरंंज खेलना हर किसी को यहाँ कहाँ आता है फिर भी कोशिश कर वो एक बिसात बिछाता है। काले या सफेद नहीं मोहरों को दोनो ओर से चलाता है हारना नहीं ...
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सुशील कुमार जोशी
Almora, Uttarakhand, India
ना कविता लिखता हूँ ना कोई छंद लिखता हूँ अपने आसपास पड़े हुऎ कुछ टाट पै पैबंद लिखता हूँ ना कवि हूँ ना लेखक हूँ ना अखबार हूँ ना ही कोई समाचार हूँ जो हो घट रहा होता है मेरे आस पास हर समय उस खबर की बक बक यहाँ पर देने को तैयार हूँ ।
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