उलूक टाइम्स

"बर्बाद गुलिस्ताँ करने को बस एक ही उल्लू काफ़ी था हर शाख़ पे उल्लू बैठा है अंजाम-ए-गुलिस्ताँ क्या होगा " :- शौक़ बहराइची

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गुरुवार, 5 सितंबर 2019

‘उलूक’ साफ करना है बहुत सारा इतिहास है

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ना  खुश है  ना उदास है  थोड़ी सी बची हुयी है है कुछ आस है  बहुत कुछ लिखना है  कागज है कलम की है इफरात है  ना नींद है ना सप...
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शुक्रवार, 4 सितंबर 2015

शिक्षक दिवस इस बार राधा के साथ कृष्ण और राधाकृष्णन साथ मनाते होंगे

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कम नहीं हैं बहुत हैं होने वाले कुछ कृष्ण हो जायेंगे कुछ बांसुरी भी छेड़ेंगे कुछ अपनी कुछ राधाओं के संग कुछ रास रचायेंगे कुछ अर्जुन भी हो...
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सुशील कुमार जोशी
Almora, Uttarakhand, India
ना कविता लिखता हूँ ना कोई छंद लिखता हूँ अपने आसपास पड़े हुऎ कुछ टाट पै पैबंद लिखता हूँ ना कवि हूँ ना लेखक हूँ ना अखबार हूँ ना ही कोई समाचार हूँ जो हो घट रहा होता है मेरे आस पास हर समय उस खबर की बक बक यहाँ पर देने को तैयार हूँ ।
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